10 से 80 वर्ष तक के सैकड़ों धावक मैराथन में जोश से दौड़े 

जबलपुर। भोर होते ही प्रेमनगर गुरुद्वारा परिसर ऊर्जा और उत्साह से भर उठा। श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शताब्दी शहीदी दिवस पर आयोजित गुरु तेग बहादुर मानवाधिकार मैराथन रेस में शहर ने एक बार फिर खेल भावना का बेहतरीन प्रदर्शन किया। महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रितपाल सिंह और पूर्व मंत्री हरेंद्र जीत सिंह बब्बू ने हरी झंडी दिखाकर रेस का शानदार आगाज किया। सैकड़ों धावकों की तालियों, जयघोष और कदमों की धुन के बीच रेस प्रेमनगर से शुरू हुई और शंकराचार्य चौक, गोरखपुर, शास्त्री पुल, गुरुद्वारा मढ़ाताल, महाराष्ट्र स्कूल, फ्लाईओवर ब्रिज, गुलाटी

पेट्रोल पंप से होती हुई पुनः प्रेमनगर मैदान में संपन्न हुई।

हर आयु वर्ग के धावकों ने उत्साहपूर्वक रेस की पूरी

सबसे खास बात यह रही कि 10 वर्षीय बालक अर्जुन सिंह कोहली से लेकर 75 वर्षीय रजिंदर कौर छावड़ा और 79 वर्षीय एस. पी. पाल तक हर आयु वर्ग के धावकों ने उत्साहपूर्वक रेस पूरी की। मैदान पर लौटते हुए उनकी मुस्कान और उमंग इस आयोजन की सफलता बयां करती दिखाई दी।

चला फोटो और सेल्फी का दौर

आयोजकों द्वारा मैराथन कार्यस्थल पर सेल्फी प्वाइंट बनाए हुए थे, जिसमें लोग मैराथन में शामिल होने के बाद उसकी यादों को संजोय रखने के लिए सेल्फी प्वाइंट पर फोटो और सेल्फी लेते हुए नजर आए।

अंशिका लोधी और अखिलेश यादव ने जीता स्वर्ण

नगर के उदीयमान खिलाड़ी कुमारी अंशिका लोधी और अखिलेश यादव ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान हासिल किया। दोनों को 5000 रुपये नगद पुरस्कार और स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। द्वितीय स्थान पर कु. नेहा यादव और साहिल साहू रहे जिन्हें 3100 रुपये मिले, जबकि 2100 रुपये के तृतीय पुरस्कार से कु. जुबेजा खातून और सूर्यवली नागपुरे को सम्मानित किया गया। इसके अलावा 10 अन्य खिलाड़ियों को 1100 रुपये, प्रमाण पत्र और स्पोर्ट्स जर्सी सांत्वना पुरस्कार के रूप में प्रदान की गई। मुख्य अतिथि ग्रेनेडियर रेजीमेंट सेंटर के कर्नल मनजिंदर सिंह गुरम ने विजेताओं को पुरस्कृत किया।

आयोजन समिति ने जताया आभार

कार्यक्रम के अंत में सिख सेवक जत्था के अध्यक्ष मनमोहन सिंह, सिख स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गुरमीत सिंह भामरा और मंजीत सिंह ने सभी धावकों, अतिथियों और सहयोगियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन फुलबीर सिंह ने किया।

इनका कहना है

रेस का ट्रैक चुनौतीपूर्ण था, लेकिन दर्शकों के उत्साह और गुरुद्वारे की आशीष ने ऊर्जा भर दी। यह जीत मेरे लिए बहुत प्रेरणादायक है। मैं आगे राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने का सपना देख रही हूँ।

अंशिका लोधी

शहर में इस तरह के आयोजन युवाओं को नई दिशा देते हैं। शुरुआत से ही मैं जीत के लिए फोकस्ड था। सभी धावकों ने शानदार प्रदर्शन किया। यह स्वर्ण पदक मेरे लिए गर्व का क्षण है।

अखिलेश यादव

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