
नई दिल्ली, 22 नवंबर, 2025: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर दौरे के दौरान अपने भाषण में सभ्यता और समाज की ताकत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज का वजूद बना रहेगा क्योंकि हमने एक बेसिक सोशल नेटवर्क बनाया है। भागवत ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा, “अगर हिंदू नहीं रहेंगे, तो दुनिया नहीं रहेगी। क्योंकि हिंदू समाज ही है जो समय-समय पर दुनिया को धर्म का सही मतलब और गाइडेंस देता है।” उन्होंने कहा कि बाकी सब आए और चले गए (जैसे ग्रीस, मिस्र, रोम), लेकिन भारत एक अमर समाज, एक अमर सभ्यता का नाम है।
ब्रिटिश साम्राज्य का सूर्य भारत में डूबा
संघ प्रमुख ने समस्याओं के समाधान के लिए सामाजिक दृढ़ संकल्प पर ज़ोर दिया। उन्होंने नक्सलवाद का उदाहरण देते हुए कहा कि कोई भी समस्या तब खत्म हो सकती है, जब समाज यह तय कर ले कि वह इसे और बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश साम्राज्य का सूरज कभी नहीं डूबता था, लेकिन भारत में उनका सूर्यास्त शुरू हो गया। उन्होंने कहा, “हमने इसके लिए 90 साल तक कोशिश की। हमने आजादी की उस आवाज को कभी दबने नहीं दिया, कभी वह कम हुई, कभी बढ़ी, लेकिन हमने उसे कभी खत्म नहीं होने दिया।”
आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था पर दिया जोर
मोहन भागवत ने देश की अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश को किसी पर भी निर्भर नहीं होना चाहिए और हमारी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से आत्मनिर्भर होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास आर्थिक क्षमता, मिलिट्री क्षमता और ज्ञान की क्षमता होनी और बढ़नी चाहिए। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हमारा लक्ष्य देश को सुरक्षित और खुशहाल रखना होना चाहिए, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी नागरिक दुखी, गरीब या बेरोजगार न रहे।
