
जबलपुर। जजों की सुरक्षा संबंधित संज्ञान याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ को बताया गया कि हाल में जजों के साथ हुई ऐसी घटनाओं में उचित कार्यवाही के निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिये गये है। उपमहाधिक्ता ने सरकार से दिशा -निर्देश प्राप्त करने समय प्रदान करने का आग्रह किया। युगलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए अलगी सुनवाई 4 दिसम्बर को निर्धारित की है।
गौरतलब है कि 23 जुलाई 2016 को मंदसौर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर न्यायाधीश राजवर्धन गुप्ता के साथ मारपीट की घटना हुई थी. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार जनरल मनोहर ममतानी ने घटना की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की थी. इसी रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट ने न्यायाधीशों और उनके परिवारों की सुरक्षा को संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश जारी किए थे। हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई के दौरान याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूरे प्रदेश के कोर्ट परिसरों के चारों ओर पर्याप्त ऊंचाई की बाउंड्री वॉल, कोर्ट परिसर में पुलिस चौकियां तथा जजों के आवासीय परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में दिशा -निर्देश जारी किये थे।
याचिका पर शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान जमानत आवेदन निरस्त करने पर अनूपपुर में प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अमनदीप सिंह छाबड़ा के सरकारी आवास पर हुए हमले तथा प्रदेश के अन्य जिलो में न्यायाधीशों के घरों में हुई चोरी के घटनाओं पर युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त की। याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र अधिवक्ता की तरफ से उक्त जानकारी पेश की गयी।
