मैं इस सीजन बिना कोई लक्ष्य बनाए खेल रहा हूं : ईशान किशन

कोयंबटूर, 16 अक्टूबर (वार्ता) भारत और झारखंड के विकेटकीपर बल्लेबाज इशान किशन फ़िलहाल वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना चाह रहे हैं और चाहते हैं कि उन्हें जो भी मौक़ा मिले, वह उसका आनंद लें, चाहे वह किसी भी स्तर का मैच हो।

वह फ़िलहाल रणजी ट्रॉफी 2025-26 में झारखंड की कप्तानी कर रहे हैं और उन्होंने कोयंबटूर की हरी पिच पर तमिलनाडु के ख़िलाफ संघर्षपूर्ण शतक लगाकर शानदार शुरुआत की है। यह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका नौवां शतक है। उन्होंने झारखंड के शीर्ष क्रम के लड़खड़ाने के बाद पारी को संभाला।

किशन पहले दिन 183 गेंदों पर नाबाद 125 रन बनाकर पवेलियन लौटे। उन्होंने साहिल राज के साथ सातवें विकेट के लिए 150 रन की नाबाद साझेदारी की। उन्होंने दिन के खेल के बाद कहा, “इस स्तर पर मुझे बहुत समझदारी से खेलना होगा। आपको रणजी ट्रॉफ़ी के महत्व को समझना होगा। जब आप बड़ी टीमों के ख़िलाफ खेलते हैं तो इन मैचों का महत्व समझना जरूरी है।”

किशन नंबर पांच पर बल्लेबाज़ी करने आए, जब लंच के बाद 79 रन पर तीन विकेट खोकर झारखंड मुश्किल में था। उन्होंने अगले दो सत्र तक टिककर बल्लेबाजी की और ज़्यादातर समय बड़े शॉट्स से परहेज किया। उनकी पारी में सिर्फ़ दो छक्के थे, जो यह दिखाता है कि उन्होंने कितनी संयम से खेला।

उन्होंने कहा, “आप अपने करियर की शुरुआत में बहुत गलतियां करते हैं और बाद में समझ आता है कि अनुभव का असली मतलब क्या है। आपको क्रीज पर टिकना होता है, तभी आप मैच बदल सकते हैं।

“जब बाएं हाथ का स्पिनर गेंदबाजी कर रहा था, तब मैं हवा की दिशा देख रहा था। मैं उस पर अटैक करना चाहता था, लेकिन स्कोरबोर्ड पर छह विकेट गिर चुके थे, इसलिए मुझे सही नहीं लगा। मैंने ऐसा एक बार ईरानी कप में किया था और अब रणजी ट्रॉफ़ी में कर रहा हूं, जहां मैं टीम का सबसे अनुभवी और एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हूं। मेरा काम था कि हम दिन के अंत तक बल्लेबाजी करते रहें।”

“मैं वास्तव में छक्के लगाना चाहता था, लेकिन परिस्थिति की मांग कुछ और थी। यह अनुभव से आता है। जब आप काफी मैच खेल लेते हैं, तो समझ आता है कि कभी-कभी एक-एक रन छक्कों से ज़्यादा अहम होते हैं और धीरे-धीरे आपका नजरिया बदलता है। एक साझेदारी बनाना जरूरी था ताकि उनके गेंदबाज थक जाएं।”

किशन का सीजन से पहले का समय काफ़ी अच्छा रहा। उन्होंने नॉटिंघमशायर के साथ एक छोटे से काउंटी स्टिंट की दो पारियों में 77 और 87 रन बनाए। वह ऋषभ पंत की चोट के बाद इंग्लैंड के ख़िलाफ ओवल में होने वाले पांचवें टेस्ट के लिए भारतीय टीम में कवर के तौर पर शामिल होने की दौड़ में भी थे।

हालांकि किशन को इस दौरान इंग्लैंड में एक एक्सीडेंट के कारण चोट लग गई। इसके बाद तमिलनाडु के एन जगदीशन को पंत की जगह टीम में शामिल किया गया, जबकि ध्रुव जुरेल पहली पसंद के रूप में एकादश में चुने गए। पूरी तरह फ़िट होने के बाद किशन ने इसी महीने ईरानी कप मैच भी खेला था।

उन्होंने कहा, “जब भी मैं किसी लक्ष्य के साथ जाता हूं, मैं बहुत खराब खेलता हूं। मैं कुछ ऐसा कर देता हूं, जो जरूरी नहीं होता। इसलिए इस सीज़न कोई लक्ष्य नहीं रखना है, बस बल्लेबाजी करते रहना है। अगर आप क्रीज पर हैं, तो जितने रन चाहिए उतने ख़ुद आ जाएंगे। यही मेरा एकमात्र लक्ष्य है।”

 

 

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