ऊपर के आदेश के बाद क्यों सडक़ पर दिखती है पुलिस…?

अब जिलाबदर को ढूंढ रही है, जबकि चुनाव में कई जिलाबदर शहर में सक्रिय थे

शाजापुर, 29 मई. अमूमन पुलिस सुस्त नजर आती है, लेकिन जब ऊपर वाले हवा टाइट करते हैं, तो नीचे पुलिस टाइट हो जाती है. यदि हमेशा ही पुलिस टाइट रहे, तो अपराध और अपराधी जमींदोज हो सकते हें. लेकिन अब ऊपर के आदेश के बाद इन दिनों जिले की पुलिस भरी गर्मी में मंदिर-मस्जिद से माइक उतरवा रही है और जिलाबदर को घर-घर ढूंढ रही है. वो बात अलग है कि कुछ दिन पहले ही कई जिलाबदर खुलेआम चुनाव में प्रचार कर रहे थे और पुलिस ने आंख पर पट्टी बांध रखी थी.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के सख्त आदेश के बाद इन दिनों पुलिस मंदिर-मस्जिद के लाउड स्पीकर उतारने में लगी है, जबकि मुख्यमंत्री बनते ही मोहन यादव ने धार्मिक स्थलों से लाउड स्पीकर हटाने का फरमान जारी किया था, लेकिन इस फरमान को पुलिस ने ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया था. और अब सीएम की सख्ती के बाद पुलिस इस भीषण गर्मी में धार्मिक स्थलों के लाउड स्पीकर हटाने में लगी हुई है. वहीं दो दिन से उन जिलाबदरों को खोज रही है, जो जिलाबदर होने के बाद भी अपने घर पर तो नहीं है. यदि वो एक महीने पहले इन जिलाबदरों की खोज करती तो आधे से ज्यादा जिलाबदर घर पर ही मिलते. विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में कई जिलाबदर खुलेआम चुनाव प्रचार करते नजर आए, लेकिन उन्हें पुलिस नहीं देख पाई. लेकिन ऊपर के फरमान के बाद अब पुलिस घर-घर दस्तक दे रही है. अब देखना है कि ऊपर के आदेश का असर नीचे की पुलिस पर कितने दिन रहता है.

सडक़ों पर पुलिस है, लेकिन गश्त चोर कर रहे है

शाजापुर में भले ही पुलिस इन दिनों सक्रिय नजर आ रही है, लेकिन गश्त चोर कर रहे हैं. दिनदहाड़े हाईवे पर फिल्मी स्टाइल में ट्रक कटिंग होती है और ट्रक कटिंग का यह सिलसिला लंबे समय से जारी है. ट्रक कटिंग वालों की दाद देना होगी कि वे बेखौफ होकर ट्रक कटिंग करते हैं और पुलिस हाथ मलती रहती है. जिले के कई इलाकों में इन दिनों चोरी की वारदातें बढ़ी हैं. शुजालपुर में दिनदहाड़े चोर घर में घुस गए और वारदात को अंजाम दिया.

किसी का मन नहीं लग रहा है जिले में…

शहर कोतवाल हटने को तैयार हैं, पुलिस कप्तान भी शाजापुर की पोस्टिंग से खुश नहीं थे, वे भी जाने की जुगत में हैं. जिले के और भी ऐसे कई थाना प्रभारी हैं, जो शाजापुर जिले से रूख्सत होना चाहते हैं. आखिर शाजापुर जिले में क्यों मन नहीं लग रहा इन पुलिसकर्मियों का. पुलिस कप्तान को डेढ़ साल हो गया है और हो सकता है कि आने वाली लिस्ट में उनका नाम शामिल हो. वहीं दूसरी ओर शाजापुर अनुविभागीय अधिकारी भी लूप लाइन में अपना स्थानांतरण चाहते हैं. वैसे उनकी सेवानिवृत्ति नजदीक होने से वे भी विदाई चाह रहे हैं. पुलिस महकमे के ही कई थाना प्रभारी यह कहते नजर आए कि पुलिस कप्तान भी जिला छोडऩे के लिए प्रयासरत हैं.

ऊपर के आदेश का क्यों करते है इंतजार…?

अक्सर देखा गया है कि जब भी ऊपर से आदेश आता है, तब ही पुलिस सक्रिय नजर आती है. आखिर क्यों बार-बार ऊपर वालों को अपने नीचे की पुलिस को सक्रिय करना पड़ता है. इन दिनों ऊपर के आदेश के बाद पुलिस जबरदस्त सक्रिय है. देखना यह है कि ऊपर के आदेश का असर नीचे की पुलिस पर कितने दिन और कब तक रहता है.

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