मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन से 21 कि.मी. लंबी सुरंग का निर्माण कार्य तेज

अहमदाबाद, 27 मई (वार्ता) मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिये घनसोली में 394 मीटर की अतिरिक्त संचालित मध्यवर्ती सुरंग (एडीआईटी) की खुदाई की गयी है। इससे महाराष्ट्र में बीकेसी और शिलफाटा के बीच 21 कि.मी. लंबी सुरंग के निर्माण में तेजी आयेगी।

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) की ओर से सोमवार को यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन से महाराष्ट्र राज्य में शिलफाटा तक लगभग 21 कि.मी. लंबी सुरंग से संबंधित निर्माण गतिविधियां तेज गति से चल रही हैं। इस सुरंग का लगभग सात कि.मी. हिस्सा ठाणे क्रीक (इंटरटाइडल ज़ोन) में समुद्र के नीचे होगा। यह देश में बनने वाली अपनी तरह की पहली सुरंग है। इक्कीस किमी लंबी सुरंग एक एकल ट्यूब सुरंग होगी जिसमें ऊपर और नीचे के ट्रैक के लिये दो ट्रैक होंगे।

उन्होंने बताया कि इस सुरंग के निर्माण के लिए 13.6 मीटर व्यास के कटर हेड वाली टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का उपयोग किया जायेगा। आमतौर पर एमआरटीएस (एमआरटीएस) – मेट्रो प्रणाली में उपयोग की जाने वाली शहरी सुरंगों के लिये 6-8 मीटर व्यास वाले कटर हेड का उपयोग किया जाता है, क्योंकि ये सुरंगें केवल एक ट्रैक को समायोजित करती हैं। वर्तमान में बीकेसी, विक्रोली और सावली में निर्माणाधीन तीन शाफ्टों के माध्यम से 16 कि.मी. लंबी सुरंग के निर्माण के लिये टीबीएम का उपयोग किया जायेगा।

बुलेट ट्रेन परियोजना के लिये 394 मीटर लंबी एडीआईटी (अतिरिक्त रूप से संचालित मध्यवर्ती सुरंग) पूरी की गई: इससे बीकेसी और शिलफाटा के बीच 21 कि.मी. लंबी बुलेट ट्रेन सुरंग के निर्माण को गति मिलेगी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिये घनसोली में 394 मीटर की अतिरिक्त संचालित मध्यवर्ती सुरंग (एडीआईटी) की खुदाई की गई है। इससे महाराष्ट्र में बीकेसी और शिलफाटा के बीच 21 कि.मी. लंबी सुरंग के निर्माण में तेजी आयेगी। छब्बीस मीटर गहरी आईएनसीएलआईएनईडी एडीआईटी न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एमएटीएम) के माध्यम से 3.3 कि.मी. (लगभग) सुरंग के निर्माण की सुविधा प्रदान करेगी, जिससे प्रत्येक तरफ 1.6 मीटर (लगभग) सुरंग बनाने के लिये एक साथ पहुंच की अनुमति मिलेगी। इक्कीस कि.मी. सुरंग निर्माण कार्यों में से 16 कि.मी. टनल बोरिंग मशीनों के माध्यम से और शेष पांच कि.मी. एनएटीएम के माध्यम से किया जायेगा।

एडीआईटी के लिये खुदाई का काम छह दिसंबर 2023 को शुरू किया गया था और छह महीने की छोटी अवधि में 394 मीटर की पूरी लंबाई की खुदाई की गयी है। विशेषज्ञों की देखरेख में 27,515 किलोग्राम विस्फोटकों का उपयोग करके कुल 214 नियंत्रित विस्फोट किए गए और सुरक्षित उत्खनन सुनिश्चित करने के लिये उच्च स्तर के उपकरणों का उपयोग किया गया। आंतरिक आयाम का एडीआईटी: 11 मीटर X 6.4 मीटर निर्माण और प्रचालन के दौरान मुख्य सुरंग तक सीधे वाहनों की पहुंच प्रदान करेगा और इसका उपयोग आपातकालीन स्थिति में निकासी प्रक्रिया के उद्देश्य से भी किया जा सकता है।

सुरंग और आस-पास के क्षेत्र में सभी संरचनाओं की सुरक्षित खुदाई सुनिश्चित करने के लिये कई मॉनिटरिंग उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। कार्य के लिये उपयोग किये जा रहे कुछ उपकरण एसएसपी (सरफेस सेटलमेंट पॉइंट्स), ओडीएस (ऑप्टिकल विस्थापन सेंसर) या दोनों अक्षों में विस्थापन के लिये टिल्ट मीटर, बीआरटी (परावर्तित लक्ष्य / 3 डी लक्ष्यों द्वारा), सुरंग की सतह में सूक्ष्म तनाव के लिये स्ट्रेन गेज, पीक पार्टिकल वेलोसिटी (पीपीवी) या कंपन और भूकंपीय तरंग मॉनिटर के लिये सिस्मोग्राफ है।

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