मुंबई 26 मई (वार्ता) लोकसभा चुनाव के बाद देश में स्थिर सरकार बनने की उम्मीद में हुई चौतरफा लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह दो प्रतिशत से अधिक मजबूत रहे घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निवेश प्रवाह, कच्चे तेल की कीमत और डॉलर सूचकांक पर नजर रहेगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1493.36 अंक अर्थात 2.02 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 75410.39 अंक पर पहुंच गया।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 491 अंक यानी 2.2 प्रतिशत उछल कर 22957.10 अंक पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों में भी जमकर लिवाली हुई।
इससे मिडकैप 678.34 अंक अर्थात 2.96 प्रतिशत मजबूत होकर सप्ताहांत पर 43519.44 अंक हो गया।
इसी तरह स्मॉलकैप 404.78 अंक यानी 0.9 प्रतिशत की तेजी के साथ 47996.45 अंक पर रहा।
विश्लेषकों के अनुसार, अगले सप्ताह बाजार की नजर एफआईआई के निवेश प्रवाह पर रहेगी।
एफआईआई इस वर्ष मई में अब तक 34,459.88 करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं, जिससे बाजार पर दबाव रहा है।
लेकिन इस अवधि में घरेलू निवेशकों (डीआईआई) ने 40,797.89 करोड़ रुपये की लिवाली कर बाजार की गति को तेज बनाए रखा है।
साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत और दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर सूचकांक की स्थिति का भी बाजार पर असर रहेगा।
इसके अलावा स्थानीय स्तर पर 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2023-24 की अंतिम तिमाही के कंपनियों के परिणाम की भी बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
अगले सप्ताह जीवन बीमा निगम (एलआईसी) समेत कई दिग्गज कंपनियों के नतीजे आने वाले हैं।