सागर: गीतकार ,राजनेता व संस्कृति धर्मी स्वर्गीय विट्ठल भाई पटेल की स्मृति में 14 सितंबर को शाम 7:00 बजे से संगीत संध्या एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। पद्माकर सभागार मोती नगर सागर में आयोजित सुरों से सजी इस महफिल में एक साथ कई आवाजों में गाने वाले गायक साई राम अयर अपनी प्रस्तुति देंगे। अय्यर के साथ गायिका इशिता विश्वकर्मा, गायक अनिल श्रीवास्तव व इकबाल खान भी संगीत संध्या में अपने सुरों से रोमांचित करेंगे।
इस मौके पर साहित्य, पत्रकारिता, फिल्म समाज सेवा आदि विभिन्न क्षेत्रों मैं उल्लेखनीय कार्य करने वाली हस्तियों को सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन स्वर्गीय विट्ठल भाई पटेल सांस्कृतिक प्रतिष्ठान इंदौर वा सागर के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है। स्व विट्ठल भाई पटेल सांस्कृतिक प्रतिष्ठान के संयोजक ललित अग्रवाल, डॉ अंकलेश्वर दुबे अन्नी, सुनील भाई पटेल ,अजय दुबे, धारणा पटेल एवं अभिषेक गौर ने बताया कि स्वर्गीय विठ्ठल भाई पटेल की रचना धार्मिता को समर्पित यह कार्यक्रम हर साल इंदौर में आयोजित किया जाता रहा है ।जिसमें अनेक कलाकारों की प्रस्तुति और कई हस्तियों का सम्मान हो चुका है ।
कई टीवी चैनल पर आवाज का जादू बिखेर चुके आशीश दबे कार्यक्रम के सूत्रधार होंगे और संगीत संयोजन करेंगे।ख्यात म्यूजिक अरेंजर योगेश पाठक की 10 सदस्यीय टीम गीतों को अपनी साजकारी से सजाएंगे।संयोजक ललित अग्रवाल ने बताया कि बीते 11वर्षों से हमारा प्रतिष्ठान भैया की यादों को समर्पित संगीत और साहित्य का एह कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। उन्होंने कहा खास वजह यह भी है कि यह महान कार्यक्रम शो मेन राज कपूर के जन्म शताब्दी वर्ष को समर्पित है।
भैया विठ्ठल भाई और अभिनेता राज कपूर की प्रगाढ़ता और प्रेम को आप सभी भली भांति जानते है। उन्होंने कहा कि विट्ठल भाई की चर्चा, फिल्म बॉबी के सुपर हिट गीत झूठ बोले कौआ काटे के लिए ही ज्यादा होती है लेकिन महाकवि स्वर्गीय शैलेंद्र जी की चर्चित फिल्म तीसरी कसम के निर्माण में विट्ठल भाई का भावपूर्ण योगदान था। हमारा प्रयास यही है कि एक ईमानदार जननेता और जनकवि के रूप में विठ्ठल भाई पटेल की स्मृतियों को संजोकर अविस्मरणीय बनाया जाए ।
आने वाले समय में यह आयोजन देश के अन्य प्रमुख नगरों में भी करने का प्रस्ताव है।साईराम अय्यर भारत के लाइव स्टेज शोज़ के ऐसे बेजोड़ कलाकार जिन्हें ईश्वर ने एक ही गले से पुरुष और महिला स्वर के गीत गाने का हुनर बख़्शा है, यानी वे कोई युगल गीत गाते हुए रफ़ी-लता को एक साथ सुना सकते हैं,आपको चौंका सकते हैं. दुनिया भर के प्रतिष्ठित मंचों पर साईराम की अद्वितीय गायकी ने उन्हें एक स्टार का दर्जा दे रखा है. 2500 से ज़्यादा प्रस्तुतियाँ दे चुके साईराम कुदरत का करिश्मा हैं
