(पुनीत दुबे) नर्मदापुरम। बड़ी पहाड़ी के सामने पुरातत्व विभाग द्वारा 100, 200 और 300 मीटर तक प्रतिबंधित घोषित क्षेत्र में अवैध रूप से कॉलोनियां, रिसोर्ट और फार्महाउस का निर्माण तेजी से जारी है. शासन और प्रशासन की सख्ती के दावों के बावजूद कॉलोनाइजर नियमों को दरकिनार कर खेती की जमीनों को बेच रहे हैं.
बताया जाता है कि कई कॉलोनाइजरों ने पुरातत्व विभाग द्वारा लगाए गए नोटिस बोर्ड तक हटा दिए हैं. कुछ का दावा है कि उनके पार्टनर मंत्री हैं, इसलिए कोई उनका कुछ बिगाड़ नहीं सकता. इस स्थिति में आम उपभोक्ता सबसे ज्यादा परेशान हो रहा है, क्योंकि भविष्य में जांच होने पर खरीदे गए प्लॉट और मकान पर कार्रवाई से वे बच नहीं पाएंगे.
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रतिबंधित क्षेत्र इसलिए घोषित किया गया था ताकि पहाड़ी की सुंदरता और धरोहर को नुकसान न पहुंचे, लेकिन कॉलोनाइजर बिना अनुमति प्लॉटिंग कर रहे हैं. नियमों के अनुसार कॉलोनी विकसित करने से पहले राजस्व विभाग से खसरा, डायवर्सन, टीएनसीपी, नगरपालिका,नगरपंचायत की अनुमति, बिजली, पानी, पार्क और अन्य सुविधाओं की एनओसी अनिवार्य है. लेकिन कॉलोनाइजर यह प्रक्रिया पूरी किए बिना उपभोक्ताओं को गुमराह कर रहे हैं.
लोगों का कहना है कि यदि निर्माण कार्य उचित हैं तो पुरातत्व विभाग को प्रतिबंध वाले बोर्ड हटा देने चाहिए, अन्यथा नियमों का कड़ाई से पालन कराते हुए अवैध निर्माण पर रोक लगानी चाहिए.
