ऋषि पंचमी पर्व पर महिलाओं ने रखा मोरधन आधारित उपवास 

बागली। गुरुवार को सनातन परंपरा अनुसार रजोधर्म पालन करने वाली महिलाओं ने ऋषि पंचमी का उपवास रखा इस दिन विशेष प्रकार की अधर झारा औषधि के पत्तों से स्नान करना शुभ माना जाता है। जो महिलाएं रजोधर्म से मुक्त हो चुकी है उन्होंने इस व्रत को विधि विधान से उजमाया गौर तलब है कि सनातन परंपरा में इस व्रत का बहुत महत्व है। महिलाओं ने प्रतीक रूप से सप्तऋषि बनाकर उनकी पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया धार्मिक स्थल जटाशंकर भोमिया जी मंदिर चंपा बाग आदि स्थानों पर सुबह से महिलाएं दर्शन लाभ लेने पहुंची। पंडित वासुदेव जोशी के अनुसार इस व्रत को करने से जीवन में हुए अशुद्धी पाप से छुटकारा मिलता है। जाने अनजाने में रजस्वला स्त्री द्वारा भोजन प्रसाद या भगवान मंदिर परिसर में प्रवेश कर जाने से जो पाप लगता है उससे पाप कर्म मुक्ति मिल जाती है । रजोधर्म समाप्त होने के बाद इस व्रत का उद्यापन करवा दिया जाता है।

बागली के समीप भोमिया जी तीर्थऔर जटाशंकर तीर्थ पर स्नान सुविधा होने से महिलाओं को इस व्रत का पालन करने में कोई दिक्कत नहीं आई महिलाओं ने बड़ी संख्या में इस व्रत का पालन करते हुए वहां स्थित कुंड में स्नान करते हुए भगवान जटाशंकर के दर्शन किए जटाशंकर आश्रम की ओर से मोरधन खिचड़ी भी वितरित की गई।

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