सूदखोरों की प्रताड़ना से परेशान था युवक, पुलिस जांच में जुटी
नवभारत न्यूज
झाबुआ। शहर के कॉलेज मार्ग निवासी शशिकांत पिता रामचंद्र खत्री 45 वर्ष की 23 मई की दोपहर 2.30 बजे के करीब अपने ही निवास पर संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। शशिकांत ने आत्महत्या की या हत्या हुई, इसकी जांच पुलिस द्वारा की जा रहीं है। शहर के बाजारों में चल रही चर्चाओं के अनुसार युवक को सूदखोरों द्वारा ब्याज की रकम के लिए लगातार प्रताडि़त किया जा रहा था। जिसकी शिकायत स्थानीय पुलिस कोतवाली में करने के बावजूद पुलिस ने ध्यान नहीं दिया। बताया जाता है कि शशिकांत खत्री पूर्व में सहारा कंपनी में कार्य करने के बाद वर्ष 2020 में राधाकृष्ण मार्ग में स्वयं का मकान एवं दुकान बनाकर करीब 2 साल तक यहां निवास करने के साथ खत्री मोबाइल के नाम से दुकान भी संचालित की थी। इस बीच वीसी का कार्य चालू कर वीसी खुलने पर सामने वाले लोगों से समय पर भुगतान नहीं मिलने तथा लोगों को लेन-देन समय पर नहीं होने से कर्जा होना बताया जा रहा है। बताते है कि उसके बाद से ही खत्री को कर्ज उतारने एवं ब्याज आदि की रकम चुकाने के लिए राधाकृष्ण मार्ग में अपने मकान-दुकान को कुछ महीने पूर्व ही बेचना पड़ा। इसके बाद सामने किराए की दुकान लेकर यहां अपने पुत्र गोपाल को बैठाकर मोबाईल दुकान संचालित की।
पुलिस ने समय पर नही लिया संज्ञान
बताया जाता है कि खत्री पर कर्ज के साथ ब्याज की रकम अधिक चढ़ने से मूल पूंजी चुकाने के बाद भी ब्याज के लिए शहर के करीब 7 से 8 लोगों द्वारा उसे लगातार प्रताडि़त किया जा रहा था। जिसकी शिकायत युवक ने डेढ़ महीने पूर्व पुलिस कोतवाली पर 5 लोगों के खिलाफ नामजद आवेदन देकर की थी। पुलिस द्वारा इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लेने एवं शिकायत करने के बाद भी सूदखोरों द्वारा खत्री एवं उसके पुत्र को पुलिस कोतवाली पर की गई रिपोर्ट वापस लेने और ब्याज की रकम चुकाने के लिए अधिक दबाव बनाए जाने लगा। युवक इस कारण मानसिक रूप से काफी प्रताडि़त था। अंततः युवक के साथ यह परिणति हुई। खत्री के साथ कॉलेज मार्ग पर पत्नी और दो बच्चे गोपाल एवं कालू निवासरत है। घटना के बाद परिजनों में गहरा दुख है।
कई बिंदुओं पर करना होगी जांच
शशिकांति की मौत के बाद परिवार के सदस्यों का बुरा हाल है। शशिकांत में अपने साथ हो रही प्रताडना से पुलिस को डेढ माह पूर्व आवेदन सौपकर अवगत कराया था, लेकिन मामले में पुलिस ने संज्ञान नही लिया, अब यह तो वरिष्ठ अधिकारियों के लिए जांच का विषय है कि आखिर संबंधित व्यक्ति के आवेदन पर जांच हुई या नही ? या जांचकर्ता ने वरिष्ठों को गलत जानकारी देकर जांच रद्दी की टोकरी में फैक दी और यही वजह रही होगी कि सूदखोरों के हौसले बुलंद होते गये और अंततः आज शशिकात दुनिया से अलविदा हो गया। शशिकांत की पीएम रिपोर्ट आने के बाद जांच की दिशा तय होगी, लेकिन पुलिस को जांच में शशिकांत द्वारा सूदखोरों की प्रताडना से तंग किये जाने वाले आवेदन सौपे जाने वाले दिन से जांच करना होगी और उन नामजद व्यक्ति जिनकी शिकायत की थी, उनके मोबाइलों की काल डिटेल भी खंगालना होगी। साथ ही इस अवधी में शशिकांत के पास किन-किन लोगों के फोन आये, गये, उसकी काल डिटेल के साथ ही मार्ग पर व घर या घर के आस पास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगालना होगे कि शशिकांत के घर किन व्यक्तियों का आना जाना हुआ। घटना वाले दिन भी या उसके पूर्व कौन आया गया। बाजार में किसी से कोई विवाद तो नही हुआ। साथ ही ऐसे कई बिंदु और भी जांच के दौरान सामने आयेगे जिन पर जांच होगी। वही शशिकांत पुत्र व पत्नी से भी घटना और प्रताडना की जानकारी पुलिस की जांच को आगे बढाने में सहयोगी साबित होगी, तब जाकर इस रहस्यमय मौत की घटना का पर्दाफाश हो सकेगा।
इनका कहना है –
मामले में जांच बाद पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई की जाएगी।
– पद्म विलोचन शुक्ल, पुलिस अधीक्षक
घटना में मर्ग कायम कर शव का पीएम करवाया जाएगा, रिपोर्ट आने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर कार्रवाई की जाएगी।
– राजूसिंह बघेल, थाना प्रभारी
23 झाबुआ- 1- मृतक शशिकांत खत्री