अर्चना का सात दिन से नहीं लगा कोई सुराग, सफेद कार पर आकर टिकी जांच

इंदौर: कटनी निवासी और इंदौर में सिविल जज की तैयारी कर रही अर्चना तिवारी के लापता होने की गुत्थी सात दिन बाद भी नहीं सुलझी है. आखिरी बार वह भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पास देखी गई थी. पुलिस अब छात्रावास के बाहर देखी गई सफेद कार के सुराग पर काम कर रही है.ज्ञात हो कि अर्चना तिवारी 7 अगस्त को इंदौर के सत्कार गर्ल्स हॉस्टल से निकली थीं.

छात्रावास के रजिस्टर में उन्होंने 17 अगस्त को लौटने का जिक्र किया था. कटनी जाते समय वह नर्मदा एक्सप्रेस के एसी कोच में सवार थीं. उनकी अंतिम लोकेशन रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पास मिली थी, जहां उन्हें उतरते हुए कुछ लोगों ने देखा भी था. ट्रेन में उनका मोबाइल फोन बंद मिला और पूरा सामान बर्थ पर ही था. इससे अपहरण, दुर्घटना या आत्महत्या जैसी आशंकाएं खड़ी हो गई हैं. कटनी जीआरपी में परिजनों की शिकायत के बाद इंदौर जीआरपी और भोपाल रेल पुलिस संयुक्त रूप से मामले की जांच कर रही है.
तीन टीमों में खंगाले सीसीटीवी फुटेज
भोपाल रेल एसपी राहुल लोढा के नेतृत्व में तीन टीमें इंदौर से भोपाल, जबलपुर, कटनी और उमरिया के बीच सभी रेलवे स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेज खंगाल चुकी हैं. जांच के दौरान छात्रावास के बाहर खड़ी एक सफेद कार का क्लू सामने आया है. सीसीटीवी में यह कार अर्चना के रवाना होने से एक दिन पहले और उससे पहले भी कई बार देखी गई थी. पुलिस का मानना है कि इसी कार के जरिए अर्चना को छात्रावास लाया-ले जाया जाता था. कार का नंबर मिलने के बाद पुलिस को अहम सुराग मिलने की उम्मीद है.
भाई ने 51 हजार ईनाम घोषित किया
इस बीच अर्चना के मुंहबोले भाई अमन मिश्रा ने उसकी सुरक्षित वापसी के लिए 51 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है. पुलिस फिलहाल यह स्पष्ट नहीं कर पा रही कि अर्चना को किसी ने अपहरण किया है, बंधक बनाकर रखा है या वह अपनी मर्जी से कहीं गई है, मामले में जांच की जा रही है.

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