
इंदौर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत ने स्थानीय ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित मालवा प्रांत के प्रांतीय एवं राष्ट्रीय स्तर के समाज प्रमुखों की सद्भाव बैठक को संबोधित किया। इस अवसर पर 111 समाजों के 284 समाज प्रमुख उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं भारत माता पूजन से हुआ। चयनित समाज प्रमुखों ने अपने समाज के जनकल्याण एवं सेवा कार्यों की जानकारी साझा की। डॉ. भागवत ने कहा कि समाज है तो सद्भावना है, यह अपनेपन का संबंध है, न कि केवल सोशल कांट्रैक्ट। धर्मयुक्त जीवन समाज का मूल उद्देश्य है।
उन्होंने चेताया कि भोगवादी विचारधारा ने यूरोप को तोड़ा और अब भारत की परिवार व्यवस्था को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। भारत में धर्म और राष्ट्र एक हैं, और इसका कार्य ईश्वरीय है। सभी जाति-बिरादरी को साथ बैठकर कमजोर समाज को ऊपर उठाने और राष्ट्रहित के प्रश्नों के समाधान पर काम करना चाहिए। बैठक में नवंबर में खंड स्तर पर सद्भाव बैठकों की योजना बनी।
