योगी ने औरैया में वितरित की बाढ़ राहत सामग्री

औरैया, 5 अगस्त (वार्ता) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को औरैया कलेक्ट्रेट में बाढ़ से प्रभावित लोगों में राहत सामग्री का वितरण किया और विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को चेक भी वितरित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 10-15 दिन के अंदर अत्यधिक बरसात के कारण प्रदेश के 21 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निरीक्षण और राहत कार्यों की समीक्षा के साथ-साथ प्रभावी ढंग से सकुशल संचालन करने के लिए हर जनपद में प्रभारी मंत्रियों की तैनाती की गई है। मंत्री अपनी देखरेख में जिला व पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर बाढ़ राहत कार्यों को तेजी से आगे बढ़ा रहे है।

योगी ने कहा कि इन सभी क्षेत्रों में बाढ़ राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने और पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने अपने स्तर पर पीएसी की फ्लड यूनिट, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ को तैनात किया है। वर्तमान में भी अलग-अलग क्षेत्रों में इन सभी की यूनिट बाढ़ कार्यों का निरीक्षण कर राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। एनडीआरएफ की 16, एसडीआरएफ की 18 तथा पीएसी फ्लड यूनिट की 31 टीमें बाढ़ प्रभावित जनपदों में कार्य कर रही हैं। सभी 21 जनपदों में 1250 से अधिक नौकाओं की व्यवस्था की गई है, जिसके माध्यम से नागरिकों के आवागमन को सुचारू बनाने का कार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुना नदी में बाढ़ के कारण औरैया के 12 राजस्व गांव में 5000 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं। राजस्थान में चंबल नदी के धौलपुर आदि से जल छोड़ने के कारण बाढ़ की यह स्थिति पैदा हुई है। सामान्यतः यमुना जी में खतरे का निशान 113 मीटर है, लेकिन जलस्तर उससे भी साढ़े चार मीटर ऊपर पहुंचने के कारण यह स्थिति पैदा हुई, जिससे आगरा, इटावा का आंशिक क्षेत्र, औरैया, जालौन समेत यमुना जी के तटवर्ती क्षेत्रों में ऐसे हालात हैं। इससे बलिया तक का क्षेत्र भी प्रभावित होता गया।

उन्होने कहा कि पर्याप्त नौकाओं की व्यवस्था के साथ ही प्रदेश व जनपद स्तर पर कंट्रोल रूम, हर गांव में बाढ़ चौकी व राहत कार्यों के तहत सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए लोगों को ब्रेकफास्ट, दोपहर व रात का भोजन, शुद्ध पेयजल, पशुओं के चारे की व्यवस्था की गई है। जो लोग घरों में सुरक्षित रह सकते हैं, उन्हें सूखा राहत किट भी उपलब्ध कराई गई है। किट में 10 किलो आटा, 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, दो किलो दाल, एक किलो तेल, नमक, मसाले, डिग्निटी किट, बरसाती आदि देने की कार्रवाई की जा रही है।

योगी ने कहा कि जनहानि होने पर परिवार को आपदा राहत कोष से चार लाख रुपये, किसी परिवार का मकान बहने या नदी में विलीन होने पर मुख्यमंत्री आवास योजना से आच्छादित करने की कार्रवाई भी की जा रही है। पशुधन की हानि पर मुआवजा दिया जा रहा है। जगह-जगह स्वास्थ्य शिविर भी स्थापित किए गए हैं। इस सीजन में एंटी रैबीज वैक्सीन, सांप के काटने पर एंटी स्नेक वेनम की भी व्यवस्था सीएचसी, जिला अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराए गए हैं। सांप, बिच्छू, कुत्ते या जंगली जानवरों के काटने के कारण किसी भी आपदा में बचा सकें। बाढ़ राहत बचाव के लिए युद्ध स्तर पर टीमें लगाई गई हैं। प्रत्येक जिला प्रशासन को युद्ध स्तर पर कार्य को बढा़ने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होने कहा कि सरकार की संवेदना हर बाढ़ पीड़ित के साथ है। सरकार हर सहयोग करेगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि जिन किसानों की फसल को नुकसान हुआ है। उसके सर्वेक्षण के भी आदेश दिए गए हैं। रिपोर्ट आते ही तत्काल मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा। सीएम ने नागरिकों से अपील की कि अभी अगस्त का प्रथम सप्ताह है, इसलिए अलर्ट मोड पर रहना होगा, क्योंकि बाढ़ की आशंका सितंबर तक बनी रहती है। सीएम ने आश्वस्त किया कि सरकार व प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ खड़ी है और हरसंभव सहायता के लिए मजबूती से कार्य करेगी।

इस अवसर पर राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला, विधायक गुड़िया कठेरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष कमल दोहरे, मद्य निषेध परिषद के उपाध्यक्ष बृजेश शुक्ला, भाजपा जिलाध्यक्ष सर्वेश कठेरिया, जिला प्रभारी आनंद सिंह आदि मौजूद रहे।

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