
ग्वालियर। शिवपुरी जिले के नरवर में लोकायुक्त ग्वालियर की टीम ने मंगलवार को महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक अनीता श्रीवास्तव को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। अनीता एक युवती को आंगनवाड़ी सहायिका के पद पर नौकरी दिलवाने के बदले 1 लाख 80 हजार रुपए मांग रही थी।
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक निरंजन लाल शर्मा ने बताया कि ग्राम वीरपुर तहसील निवासी शिशुपाल जाटव की बहन ने अपने गांव में खाली पड़े आंगनवाड़ी सहायिका पद के लिए आवेदन किया था। कुछ दिन बाद पर्यवेक्षक अनीता ने फोन कर बताया कि उसका नाम चयन सूची में दूसरे नंबर पर है। उसने कहा कि पैसा देने पर नौकरी पक्की हो जाएगी। इसके बाद शिशुपाल अनीता से व्यक्तिगत रूप से मिला। पर्यवेक्षक ने 1.80 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। बातचीत के बाद सौदा डेढ़ लाख रुपए में तय हुआ। शिशुपाल ने पूरी बातचीत का ऑडियो रिकॉर्ड कर लिया और लोकायुक्त ग्वालियर में शिकायत की। लोकायुक्त टीम ने मंगलवार को योजनानुसार जैसे ही शिशुपाल ने पर्यवेक्षक को 20 हजार रुपए दिए, टीम ने अनीता को रंगे हाथों पकड़ लिया। रिश्वत की रकम लोकायुक्त पुलिस ने उसके हाथ से बरामद कर ली। लोकायुक्त टीम ने अनीता के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। टीम अब पूछताछ कर रही है कि वह यह रकम किसके लिए ले रही थी और इसमें और कौन-कौन शामिल हैं।
