इंदौर. शहर के एमटीएच अस्पताल में चिकित्सा जगत को चौंका देने वाली घटना सामने आई है. यहां 22 वर्षीय गर्भवती महिला ने सिर से जुड़े जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है. हैरान करने वाली बात यह रही कि इतनी जटिल स्थिति होने के बावजूद पूरे गर्भकाल के दौरान चिकित्सकों को इसकी जानकारी नहीं हो सकी.
ग्राम रुसा निवासी महिला रुसा पति वीर सिंह भिलाला को गंभीर लेबर पेन की स्थिति में एमटीएच अस्पताल लाया गया था, जहां स्त्री रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. निलेश दलाल के मार्गदर्शन में इमरजेंसी ऑपरेशन किया. सिजेरियन डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों को पता चला कि नवजात जुड़वां बच्चे हैं, और वे सिर से जुड़े हुए हैं. सिर से जुड़े इन नवजातों को तुरंत अस्पताल की सीएनसीयू यूनिट में रखा गया है, जहां शिशु रोग विशेषज्ञों की टीम की निगरानी में उनका इलाज जारी है. डॉक्टरों के अनुसार, आगे की स्थिति और संभावित इलाज के लिए विशेषज्ञ सर्जन की राय ली जाएगी. इस तरह के मामलों में विशेष सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है, जो अक्सर बड़े मेडिकल सेंटर या एम्स जैसी संस्थाओं में किया जाता है. परिजनों और मेडिकल बोर्ड की सहमति के बाद इस दिशा में निर्णय लिया जाएगा.
दुर्लभ और चुनौतीपूर्ण केस…
यह एक दुर्लभ और चुनौतीपूर्ण मेडिकल केस है, अभी नवजातों की स्थिति स्थिर है और विशेषज्ञों की टीम उनकी सतत निगरानी कर रही है.
डॉ. निलेश दलाल, विभागाध्यक्ष, स्त्री रोग विभाग, एमटीएच हॉस्पिटल
हर माह जांच, फिर भी नहीं चला पता
महिला की प्रेग्नेंसी पहले से ही जटिल मानी जा रही थी और वह नियमित रूप से प्रसवपूर्व जांच के लिए अस्पताल आती रही थी. इसके बावजूद अल्ट्रासाउंड सहित की गई नियमित जांचों में यह अहम तथ्य छिपा रह गया. अब सवाल उठ रहा है कि इतनी गंभीर स्थिति को महीनों तक क्लीनिकल या सोनोग्राफिक रूप से क्यों नहीं पहचाना गया? यह चिकित्सा तंत्र की निगरानी और उपकरणों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाता है.
