जलसंकट से जूझ रहे नगरवासी, जलस्तर बढऩे के लिए हुई कवायद
सुसनेर, 16 मई. नगर की जीवनदायिनी कंठाल नदी के सूख जाने से गर्मी में नगरवासी जलसंकट से जूझ रहे हैं. नगर के जलस्रोतों में भी जलस्तर कम होने से नगरवासियों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है. कुछ दिन पूर्व वार्ड 12 की पार्षद मीना शर्मा व भाजपा मंडल महामंत्री पवन शर्मा द्वारा कलेक्टरराघवेंद्र सिंह व सांसद रोडमल नागर को पत्र लिखा गया था. उसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर गुरुवार को कुंडालिया बांध की सिंचाई पाइप लाइन से शहर का जलस्तर बढ़ाने के लिए सुसनेर की कंठाल नदी में पानी छोड़ा गया है. इससे पशु-पक्षियों की प्यास बुझने के साथ ही जलसंकट से कुछ हद तक राहत मिल सकेगी.
बता दें कुंडालिया बांध से कंठाल नदी में छोड़े गए पानी को मेला ग्राउंड में बनी बामनियाखेड़ी मार्ग की पुलिया पर महादेव घाट के सभी रोका जाएगा. इससे महुड़ी दरवाजा क्षेत्र में बनी पुलिया से लेकर मेला ग्राउंड तक कंठाल नदी में भरपूर मात्रा में पानी एकत्रित हो सकेगा, जिससे नगर के जल स्रोतों का जलस्तर बढ़ेगा. साथ ही जलसंकट से भी निजात मिल सकेगी एवं पशु-पक्षियों को पानी अपनी प्यास बुझाने में काफी सहूलियत हो सकेगी. नगर के कुछ कतिपय लोग नदी में पाइप डालकर पानी की चोरी कर लेते हैं. इसलिए शहर की जीवनदायिनी कंठाल नदी हर साल गर्मी के मौसम सूख जाती है. सालों पहले इस नदी में गर्मी के मौसम में भी पानी रहता था. साथ ही एक पन्या के समीप स्टॉप डेम के गेट बंद रहने से जलस्तर भी बना रहता था, लेकिन वह भी क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसको मरम्मत की आवश्यकता है.
सालों से नहीं हुआ नदी का गहरीकरण…
शहर के जलस्तर को मेंटेन करने वाली कंठाल नदी का गहरीकरण सालों से नहीं हुआ है, जिसके चलते नदी में पानी की मात्रा हर साल कम होती जा रही है. कुछ सालों पूर्व इसका गहरीकरण हुआ था, तब नदी में पानी का जलस्तर भी बढ़ा था, लेकिन अब यह नदी फिर से कतिपय लोगों का शिकार होकर के अपनी ही दुर्दशा पर आंसू बहा रही है. यदि एक बार पुन: नदी का गहरीकरण होता है, तो इसमें जलस्तर भी बढ़ेगा, जिससे नगर का जलसंकट दूर हो सकता है.