नैनपुर । क्षेत्र में लगातार हो रही भारी वर्षा के चलते आलोन नदी उफान पर आ गई, जिससे तटीय गांवों के किसानों की मक्का, धान और अरहर की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गईं। लालपुर, खुर्सीपार, पुतर्रा, धर्राची, पिपरिया, सालीवाड़ा, लूटमरा और पिंडरई जैसे गांवों में खेत वीरान हो गए हैं।
किसानों ने इस बार हाईब्रिड बीज व महंगी लागत से फसलें बोई थीं, लेकिन अंकुरण से पहले ही बाढ़ की चपेट में आकर फसलें बह गईं। इससे किसानों को भारी आर्थिक व मानसिक नुकसान हुआ है। मिट्टी की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है।
प्रभावित किसान कमलेश गोंड ने बताया कि “पिछले साल भी प्रशासन से मुआवजे की मांग की गई थी, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। इस बार तो फसल उगने के पहले ही बह गई, प्रशासन तत्काल सर्वे कर उचित मुआवजा दिलाए।”
किसानों की मांग है कि प्रशासन तत्काल खेतों का निरीक्षण कर नुकसान का आंकलन करे और उचित मुआवजा दे ताकि वे दोबारा फसल बो सकें।