छिन्दवाड़ा. जिले में नवाचार को मंच देने वाली इंस्पायर मानक योजना के अंतर्गत आयोजित जिला स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी का समापन शनिवार को हुआ। इस विज्ञान प्रदर्शनी में जिले 416 विद्यार्थियों के आईडिया प्रदेश स्तर पर चयनित हुए है। विज्ञान प्रदर्शनी में छिंदवाड़ा जिला प्रदेश भर में पहले स्थान पर रहा है. कार्यक्रम का शुभारंभ कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी गई। कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने जिले के दूरस्थ अंचलों से आए विद्यार्थियों द्वारा निर्मित विज्ञान मॉडल्स का अवलोकन किया तथा बच्चों से उनके नवाचारों की विस्तृत जानकारी ली। शासकीय उत्कृष्ट विद्याालय में अयोजित विज्ञान प्रदर्शनी के दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की यह योजना विद्यार्थियों के भीतर वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने और नवाचार की दिशा में आगे बढऩे हेतु एक सशक्त मंच है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में सबसे अधिक 416 विद्यार्थियों के आईडिया चयनित होने पर छिन्दवाड़ा जिले ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जो जिले के लिए गौरव की बात है। उन्होंने विद्यार्थियों, शिक्षकों और शिक्षा विभाग को इस उपलब्धि पर बधाई दी।
नवाचार को मिलता है यहां मंच : सीईओ
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत अग्रिम कुमार ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इंस्पायर मानक योजना उन बच्चों के लिए विशेष अवसर है, जो विज्ञान में रुचि रखते हैं और अपने विचारों को कार्यरूप में प्रस्तुत करना चाहते हैं। यह प्रदर्शनी बच्चों को सोचने, समझने और रचनात्मकता के साथ जुडऩे का अवसर देती है।
334 विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किए मॉडल
जिला शिक्षा अधिकारी जी.एस.बघेल ने प्रदर्शनी के दौरान योजना की जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय नव प्रवर्तन विभाग, नई दिल्ली द्वारा जिले के 495 विद्यार्थियों को अवार्ड दिया गया था, जिनमें से 334 विद्यार्थियों ने स्वयं के बनाए प्रोटोटाइप/मॉडल प्रदर्शित किए। निर्णायक समिति द्वारा इनमें से 10 प्रतिशत मॉडल्स का चयन राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी हेतु किया गया। निर्णायक समिति में विराट त्रिपाठी, सूरज कोठारी (भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा नामांकित सदस्य), ए.सी. लाम्बा (शासकीय पी.जी. कॉलेज) एवं डॉ. माहिम चतुर्वेदी (राजमाता सिंधिया कन्या महाविद्यालय) शामिल थे।