बेंगलुरु, 03 जुलाई (वार्ता) कर्नाटक के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) नारायण वेंकप्पा बारामनी ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया पर सार्वजनिक रूप से अपमान करने का गुरुवार को आरोप लगाते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) का अनुरोध किया।
श्री बारामनी ने आज आरोप लगाया कि 28 अप्रैल को बेलगावी में कांग्रेस की रैली के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें थप्पड़ मारने की कोशिश की थी। यह रैली महिला प्रदर्शनकारियों द्वारा काले झंडे लहराने के विरोध के बाद आयोजित की गई थी और सुरक्षा के लिहाज से वह कार्यक्रम स्थल पर तैनात थे।
श्री बारामनी ने कहा,“मुख्यमंत्री ने गुस्से में आकर मुझे थप्पड़ मारने की कोशिश की। मैं पीछे हट गया लेकिन नुकसान हो चुका था। उन्होंने बिना किसी गलती के मुझे सार्वजनिक रूप से अपमानित किया।”उन्होंने पुलिस में अपना करियर वर्ष 1994 में शुरू किया था। उन्होंने कहा कि इस घटना ने उनकी गरिमा तथा मनोबल को बुरी तरह प्रभावित किया है। उन्होंने इस बात पर भी निराशा व्यक्त की कि मुख्यमंत्री कार्यालय या वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की ओर से न माफ़ी मांगी गयी और न ही उनसे संपर्क किया गया।
श्री बारामनी ने कहा,“दो दिनों तक, इस घटना को बार-बार न्यूज चैनलों पर दिखाया गया लेकिन मुझे कोई आश्वासन या समर्थन नहीं मिला। यह सिर्फ़ मेरा ही नहीं बल्कि सभी वर्दीधारी सरकारी अधिकारियों का अपमान था।”
उन्होंने उन खबरों का खंडन किया कि वह बेलगावी से भारतीय जनता पार्टी से टिकट प्राप्ति करने उम्मीद कर रहे हैं।
इस बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने एकजुटता व्यक्त करते हुए पुलिस अधिकारी से वीआरएस लेने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।श्री येदियुरप्पा ने सोशल मीडिया ‘एक्स’पर लिखा,“हम श्री बारामनी और कानून का सम्मान करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों के साथ खड़े हैं। अन्याय के कारण किसी की नौकरी नहीं जानी चाहिए।”
श्री सिद्दामैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने फिलहाल आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। इस घटना ने कर्नाटक में चल रही राजनीतिक बहस को और तेज कर दी है और विपक्ष ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व शैली की आलोचना तीव्र कर दी है।
