सोनी सब कलाकारों ने फादर्स डे पर साझा किए पितृत्व के अनुभव

मुंबई, (वार्ता) सोनी सब कलाकारों ने फादर्स डे पर पिता होने के अपने व्यक्तिगत अनुभव और विचार प्रशंसकों के साथ साझा किये।

‘वागले की दुनिया नई पीढ़ी, नए किस्से’ में राजेश वागले की भूमिका निभा रहे सुमित राघवन ने कहा, यदि मैं काम पर नहीं होता, तो आमतौर पर फादर्स डे अपने बच्चों के साथ घर पर बिताता हूं। मैं मानता हूं कि मैं एक व्यावहारिक पिता हूं।ऑनस्क्रीन भी और ऑफस्क्रीन भी। असल जिंदगी में मैं अपने पिता से बेहद जुड़ा हूं; मेरे लिए वे मेरे सुपरहीरो हैं। मैं जानता हूं कि मैं ऐसा कहने वाला पहला बच्चा नहीं हूं, लेकिन उन्होंने मेरी शख्सियत को आकार दिया है। मैं अपने प्रशंसकों से कहना चाहूंगा कि अपने माता-पिता का सम्मान करें।वे हमारे गुरु हैं और उन्हें हमेशा प्यार और देखभाल का एहसास कराते रहें।

‘वीर हनुमान’ में केसरी की भूमिका निभा रहे आरव चौधरी ने कहा, मेरे लिए पितृत्व सबसे सशक्त और विनम्र बनाने वाला किरदार है। यह केवल सुरक्षा और पालन-पोषण तक सीमित नहीं है।यह ईमानदारी, धैर्य और करुणा के साथ जीवन को आकार देना है। मुझे लगता है कि एक पिता का अर्थ है खुद मिसाल बनना, अपने कर्मों से साहस सिखाना और यह बताना कि असली ताकत अक्सर नम्रता और चुपचाप सहने की क्षमता में होती है। जो विरासत हम अपने मूल्यों और फैसलों के ज़रिए बच्चों को देते हैं, वही सबसे महत्वपूर्ण होती है। और भगवान हनुमान के पिता केसरी का किरदार निभाना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है।

‘पुष्पा इम्पॉसिबल’ में बापोदरा भाई की भूमिका निभा रहे जयेश भरभाया ने कहा, बापोदराभाई के रूप में मैं भले ही ज़ोर से बोलने वाला या ज़िद्दी नजर आऊं, लेकिन जब बात मेरी बेटी प्रार्थना की आती है, तो एक नरमी हमेशा झलकती है। ऑनस्क्रीन हमारे बीच का रिश्ता प्यार, देखभाल और अनकही समझ से भरा हुआ है और यह रिश्ता पर्दे के पीछे भी उतना ही खास है। शूटिंग के दौरान हमारे बीच एक सच्ची आत्मीयता है और वह वाकई मुझे असल जिंदगी में भी बेटी जैसी लगती है। इस फादर्स डे पर मैं आभारी हूं कि मुझे एक ऐसे पिता की भूमिका निभाने का मौका मिला, जो भावनाओं से भरी, गहराई वाली यात्रा पर है और जो मुझे स्क्रीन के अंदर और बाहर दोनों जगह उस रिश्ते को जीने का मौका देता है।

‘पुष्पा इम्पॉसिबल’ में दिलीप पटेल का किरदार निभा रहे जयेश मोरे ने कहा, शो में मेरा किरदार दिलीप शुरुआत में एक आदर्श पिता नहीं था, लेकिन जब उसे अपने बच्चों अश्विन, चिराग और दीप्ति के लिए उपस्थित रहने का महत्व समझ में आया, तो उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। भले ही उसने ग्रे शेड्स के साथ शुरुआत की हो, लेकिन आज वह अपने परिवार के लिए एक मजबूत सहारा बन चुका है। इस फादर्स डे पर मुझे उसकी पूरी यात्रा याद आ रही है। पर्दे के पीछे भी मेरा पूरी कास्ट के साथ खूबसूरत रिश्ता है। देशना, जो मेरी सबसे छोटी बेटी की भूमिका निभा रही है, मेरे बेहद करीब है। यहां तक कि वह परीक्षा के वक्त मुझसे पढ़ाई की सलाह भी लेती है। वाकई, सेट पर मुझे एक दूसरा परिवार मिल गया है।

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