जबलपुर: मप्र हाईकोर्ट ने 53 लाख रुपए की धोखाधड़ी के मामले में एक आरोपी महिला को गर्भवती होने के कारण अग्रिम जमानत दे दी। जस्टिस विनय सराफ की अवकाशकालीन एकलपीठ ने कहा कि अगले माह आवेदिका की डिलीवरी होना है, इसलिए उसे जमानत का लाभ दिया जाना उचित है।मूलत बिहार की रहने वाली फरहान परवीन की ओर से अधिवक्ता नितिन जैन ने पक्ष रखा।
उन्होंने बताया कि आवेदिका व अन्य के खिलाफ जबलपुर की क्राइम ब्रांच ने धोखाधड़ी व आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि महिला के अकाउंट में एक लाख रुपए का ट्रांसफर हुआ है। आवेदिका का कहना है कि उसने कभी भी सीधे कोई चेक रिसीव नहीं किया और उसकी जानकारी के बिना ही एकाउंट में पैसा डाला गया।
तर्क दिया गया कि आवेदिका 8 माह की गर्भवती है और 17 जून को डिलीवरी डेट है। वहीं राज्य शासन की ओर से जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि पूरी साजिश के तहत 53 लाख रुपए का फ्रॉड किया गया है। पूरे मामले का अवलोकन करने के बाद न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये।
