इंदौर:शहर में आवारा श्वानों के काटने की घटनाएं बढ़ रही है. सरकारी कार्यालयों और अस्पतालों में इनका जमावड़ा बना रहता है.कुछ ही दिन पहले एमवाय असपताल के नए ओपीडी परिसर के अंदर आवारा श्वानों के घूमने की ख़बर नवभारत में प्रकाशित की गई थी. एमवाय आवारा श्वानों का अड्डा बन चुका है. परिसर के बाहर हो या अंदर, किसी भी अधिकारी को इनसे होने वाले इंफेक्शन का डर ही नहीं है, आवारा श्वानों के काटनें जैसी घटनाओं को भी नज़र अंदाज़ किया जाता है.
ओपीडी के बाद अब एमवाय के चेस्ट सेंटर का यह हाल है. यहां सेंटर भवन के मुख्य द्वार पर भी आवारा श्वानों का डेरा जमा रहता है. जबकी चेस्ट से जुड़ी बीमारियां फेफड़ों से जुड़ी होती है. इनमें संक्रमण होने का खतरा ज़्यादा होता है. वर्तमान में तो यहां बीमार बच्चों का इलाज किया जा रहा है क्योंकि चाचा नेहरू असपताल भवन का निर्माण चल रहा है. ऐसे में बच्चों में संक्रमण बढ़ने का खतरा बना रहता है.
इनका कहना है
हमारा शहर स्वच्छता में नंबर वन सिटी है. ज़िम्मेदारों को यह सोचना चाहिए कि लापरवाही की हमें शर्मसार करती है. आज तक नगर निगम आवारा श्वानों पर लगाम नहीं कस पाई.
– सुरेश रायकुवार
एमवाय असपताल से तो आवारा श्वानों को दूर रखना चाहिए क्योंकि यहां इलाज होता है और कई तरह की बीमारियां भी होती है. ऐसे स्थान को संक्रमण मुक्त होना चाहिए.
– मुकेश चितवाले
आवारा श्वानों के काटनें की घटना दिनों दिन बढ़ रही है. ऐसे में एमवाय परिसर में इनका रहना घातक है क्योंकि यहां तो प्रतिदिन सैकड़ों लोग आते है.
– वजिद खान
