ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुए सीजफायर पर भारत ने तो पूरी ईमानदारी और सैन्य नियमों, मर्यादा के साथ पालन किया लेकिन पाक न सिर्फ समय समय पर सीजफायर का बेशर्मी के साथ उल्लंघन करता रहा है बल्कि भारत के खिलाफ प्रत्येक मोर्चे पर दुष्प्रचार कर विश्व जनमत के बीच इस तरह का माहौल बनाने में जुटा है जैसे कि सीजफायर करना भारत की मज़बूरी थी, यह भी भ्रम फैलाया जा रहा है कि भारत ने न्यूक्लियर संघर्ष की आशंका से डर कर सीजफायर का रास्ता अपनाया. हालांकि सम्पूर्ण विश्व पाक के असली चहरे से बखूबी वाकिफ है और बिना शक यह भी माना जाता रहा है कि अपनी नाकामी छिपाने के लिए झूठ का प्रॉपेगंडा फैलाने में भी वह अव्वल है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीती रात राष्ट्र के नाम सम्बोधन में न सिर्फ एक अरब चालीस करोड़ भारतीय जनता बल्कि सम्पूर्ण विश्व तक भारत सरकार और हमारे सैन्य बलों का यह पैगाम बखूबी पहुंचाया है कि आतंकवाद और इसका पालन पोषण करने वाले पाकिस्तान के प्रति भारत की नीति और नजरिए में ज़रा भी तब्दीली नहीं आई है और आतंकवाद तथा इसके संरक्षकों के खिलाफ भारत का ऑपरेशन निरंतर जारी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान और विश्व समुदाय को साफ बता दिया है कि अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो आतंकवाद पर ही होगी, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर ही होगी. उन्होंने दुनिया को भारत का रुख कड़े शब्दों में स्पष्ट कर दिया है ताकि कोई गलतफहमी में न रहे. प्रधानमंत्री के सम्बोधन के बाद दुनिया को यह अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि भारत अब किसी से डरने वाला नहीं है और हर मोर्चे पर मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता रखता है. हालांकि सम्पूर्ण विपक्ष समेत भारतीय जनता इस चुनौतीपूर्ण समय में सरकार के हर कदम के साथ खड़ी हुई है लेकिन जनता के एक वर्ग में $कायम नाराजगी को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता है. देश के एक बड़े वर्ग का मानना है कि अगर सीजफायर की घोषणा स्वयं प्रधानमंत्री करते, तो देश को और अधिक संतोष होता. अमेरिका की ओर से सीजफायर की पहल किए जाने पर विपक्ष और अवाम का एक तबका असहमत है. हालांकि हमारा मानना है कि प्रधानमंत्री द्वारा सरकार की रीति नीति और भविष्य के नजरिए को साफगोई के साथ साझा किए जाने के बाद लोगों की कुछ नाराजगी तो दूर हुई ही होगी.
यह पूरी दुनिया मान रही है कि भारतीय सेना ने आतंकियों और उनके पैरोकार पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है. आने वाले समय में अगर कोई आतंकवाद का नामो निशान मिटाएगा तो वो भारतीय सेना होगी. सेना की वीरता पर पूरे देश को विश्वास है. भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर जिस तरह से लांच किया और उसको सफल बनाया, इससे भारत के लोगों में अच्छा संदेश गया है.
पूरे देश को प्रधानमंत्री मोदी ने साफ संदेश दिया है कि जब-जब भारत पर आतंकवादी हमला होगा इसका करारा जवाब दिया जाएगा. उन्होंने पाकिस्तान को साफ बता दिया है कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता साथ ही जब भी पाकिस्तान से बात होगी तो आतंकवाद के मुद्दे पर होगी. यह सभी बातें सराहनीय है. अब तो राजनीतिक और रक्षा विश्लेषक भी खुले तौर पर कहने लगे हैं कि पाकिस्तान अपने न्यूक्लियर बम की धमकी अपने देश में दे, हमारे पास उससे ज्यादा न्यूक्लियर है. पाकिस्तान की सोच से भारत बहुत आगे है. पीओके और कश्मीर पर भारत सरकार की नीति और भविष्य की संकल्पनाओं को लेकर अब विश्व को कोई शक शुबहा नहीं रखना चाहिए. ऑपरेशन सिंदूर के समय पाक के साथ खडे दिखाई देने वाले चीन, तुर्की और अजरबेजान जैसे चुनिंदा देशों को यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि एक दहशतपरस्त देश का साथ देने का अंजाम आत्मघाती ही होगा. इन देशों को भी मोदी ने एक तरह से कड़ा पैगाम दे दिया है कि जब भी पाकिस्तान आंख दिखाने की कोशिश करेगा तो उसको ऐसे ही करारा जवाब दिया जाएगा. हालांकि पहलगाम जैसा हमला सुरक्षा व्यवस्था में एक गंभीर चूक थी, नागरिकों की सुरक्षा से जुड़ी इस तरह की खामियों को जल्द से जल्द दूर किया जाना चाहिए.