शहर में अग्नि सुरक्षा लचर: जहां भी जांच वहां मिल रही खामियां
जबलपुर:अग्नि सुरक्षा में बरती जा रही लापरवाही बेकसूरों की जान ले रही है। अस्पतालों हो या पेट्रोलपंपों, होटलों समेत अन्य भवन कहीं पर भी अग्नि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं है। जगह-जगह धधक रही लापरवाही की आग बड़े हादसे का कारण बन रही है। दरअसल 25 अप्रैल को खजरी खिरिया बायपास स्थित कबाड़ गोदाम में हुए विस्फोट के बाद जिला प्रशासन-पुलिस समेत नगर निगम अमला जागा और जांच शुरू की। फायर सेफ्टी को लेकर ऊंंची इमारतों, अस्पतालों, कोचिंग संस्थानों, होटलों, मैरिज गार्डनों समेत भवनों की जांच की जा रही है जिसमें ढेर लापरवाही उजागर हो रही है। अग्नि शमन विभाग का अमला जहां भी जांच करने पहुंच रहा वहां अग्नि सुरक्षा को लेकर खामियां मिल रही है। जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि शहर में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था कितनी लचर है।
जांच नोटिस तक सिमटी
शहर की सभी ऊंंची इमारतों, होटलों, अस्पतालों, कोचिंग संस्थानों, शो-रूम, बारात घरों, एवं मैरिज गार्डनों समेत अन्य भवनों की नगर निगम का अग्निशमन विभाग जांच कर रहा है सभी जगह फायर सेफ्टी को लेकर खामियां भी मिल रही है लेकिन कार्रवाई कहीं नहीं हो रही है अमला सिर्फ जांच में खामिया मिलने पर नोटिस जारी करने तक सिमटा हुआ है।
रहवासी क्षेत्रों में संचालित हो रहे गोदाम
रहवासी क्षेत्रों में धड़ल्ले से गोदाम संचालित हो रहे है जहां आग से बचने के इंतजाम पर्याप्त हैं या नहीं इसकी कोई जांच हो रही है। रहवासी इलाकों में संचालित एक भी गोदाम में अग्निशामक यंत्र तक नहीं लगे हैं।
लाखों, करोड़ों का व्यवासय, सुरक्षा में अनदेखी
लाखों, करोड़ों का व्यवसाय करने के बाद भी लोग अग्नि सुरक्षा के उपाय में लापरवाही कर रहे है। जिसके चलते शहर में आग लगने की घटनाएं लगातार हो रही हैं। अग्निकांड जैसी घटनाओं से निपटने के लिए नगर निगम के पास भी पर्याप्त इंतजाम हैं और न ही व्यवसायी इसे लेकर गंभीर नजर आ रहे हैं।
51 पंपों, अस्पतालों में मिल चुकी हैं अनियमित्ताएं
आयुष्मान, चिल्ड्रन हॉस्पिटल, होटल शिखर पैलेस, होटल अरिहन्त पैलेस, महाकौशल अस्पताल, जौहरी अस्पताल, गोल्डन हार्ट अस्पताल एवं त्रिवेणी हेल्थ सेंटर अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में नगर निगम की जाच के दौरान अग्निशमन व्यवस्थाओं में भारी अनियमितताएँ पाई जा चुकी है। इसके अलावा 51 फ्यूल फि़लिंग सेन्टर्स (पेट्रोल, डीज़ल पम्प) के निरीक्षण में समस्त फ्य़ूल फिलिंग सेन्टर्स बिना किसी वैध अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र के संचालित किए जाना पाया जा चुका है। अधिकांश फ्यूल फि़लिंग सेन्टर्स में अग्निशमन उपकरण आउटडेटेड, एक्सपायर्ड या आवश्यकता से कम संख्या में पाए गए थे।
यह हो चुके हैं बड़े हादसे
…सन् 2022 में दमोहनाका स्थित न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी में भीषण आग लग थी। जिसमें आठ जानें चली गई थी। इस मामले में अस्पताल की घोर लापरवाही उजागर हुई थी। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
..2023 जनवरी माह में मुस्लिम बहुल क्षेत्र मक्का नगर में एक मकान नुमा कारखाने में आग लगने से मां बेटी जिंदा जल गई थी। जब तक आग पर काबू पाया गया तब तक 25 वर्षीय नगीना और उसके 6 वर्षीय बेटी हिना की मौत हो चुकी थी।
…25 अप्रैल 2024 में हाजी समीम के कबाड़ गोदाम में विस्फोट हुआ। धमकों से न केवल कबाड़ गोदाम ढह गया था बल्कि आसपास के पांच किलोमीटर के दायरे का इलाका थर्रा गया था इसके साथ दो श्रमिकों के चीथड़े उड़ गए थे।
इनका कहना है
जहां भी जांच हो रही है वहां अग्नि सुरक्षा को लेकर खामियां मिल रही है जिन्हें नोटिस भी जारी हो रहे है। हॉस्पिटलों, होटलों, बारातघरों, पेट्रोल पंपों आदि की जांच की जा रही है। सभी जगह फायर सेफ्टी को लेकर अनिमित्ताएं पाई जा रही है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। फायर सेफ्टी को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं करने वालो पर अब कार्रवाई होगी।
कुशाग्र ठाकुर, फायर अधीक्षक