उज्जैन: विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली क्रिस्टल इंटीग्रेटेड सर्विसेज प्रा. लि. कंपनी जल्द ही अपना काम छोड़ने की तैयारी में है। कंपनी के संचालक मिस्टर केनी ने बताया कि भुगतान में देरी और करोड़ों के घाटे के कारण उन्होंने मंदिर प्रशासक को तीन बार नोटिस भेजा है, जिसमें जिम्मेदारी छोड़ने का निर्णय स्पष्ट किया गया है।
क्रिस्टल कंपनी ने 1 अप्रैल 2023 से महाकालेश्वर मंदिर की सुरक्षा का कार्यभार संभाला था। महाराष्ट्र स्थित इस कंपनी को टेंडर के माध्यम से मंदिर समिति ने सुरक्षा का काम सौंपा, जिसमें 500 सुरक्षाकर्मियों को 24 घंटे तैनात रखने का अनुबंध हुआ था. इसके लिए महाकाल मंदिर से कंपनी को प्रतिवर्ष 20 करोड रुपए देने का अनुबंध हुआ. इससे पहले यह जिम्मेदारी केएसएस कंपनी के पास थी.
केनी का कहना है कि कंपनी ने विपरीत परिस्थितियों में भी दो साल तक लगातार सेवा दी, लेकिन मंदिर प्रशासन से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने भुगतान में देरी की, जिससे कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। मंदिर प्रबंधन समिति ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
दरअसल,महाकाल मंदिर में सुरक्षा कार्य का जिम्मा संभालने के लिए 9 कंपनियों ने निविदा डाली थी. 7 कंपनियों को तकनीकी बीड में 100-100 अंक मिले थे, निविदा में शर्त थी कि अगर स्कोर बराबर रहा तो बीते तीन वर्षों का टर्नओवर जिस कंपनी का सबसे ज्यादा होगा उसे मंदिर की सुरक्षा का ठेका मिलेगा. क्रिस्टल इंट्रीग्रेटेड सर्विसेज प्रालि का टर्नओवर सबसे ज्यादा 475 करोड़ था। इसी आधार पर ठेका उसे दे दिया गया