सिंगरौली। बैढ़न अंचल में आज शाम करीब 5 बजे के बाद बेमौसम बारिश के साथ जगह-जगह ओले भी गिरे हैं। गौरतलब है कि पिछले चार दिनों से ऊर्जाधानी में मौसम ने करवट बदला हुआ है। आलम यह है कि पिछले दो दिनों तक तेज हवा व धूल भरी आंधी का असर था। आज दिन सोमवार को पूरे दिन तक कभी धूप तो कभी छांव का असर रहा और शाम होते ही जिला मुख्यालय बैढ़न समेत कचनी, पोड़ी-नौगई, नौगढ़, परसौना, गड़हरा, खुटार, माजन मोड़, नवानगर व निगाही समेत आसपास में तेज बूंदाबांदी एवं साथ में ओले भी गिरने लगे। ओलावृष्टि सबसे ज्यादा नौगई, कचनी, बिलौंजी, माजन मोड़, नौगढ़ में रहा है। आलम यह था कि देखते ही देखते बैढ़न शहर की सड़के सफेद चादर की तरह नजर आने लगी हैं। वही खुले आसमान बिलौंजी व बैढ़न में सब्जी लगाने वाले व्यवसायी इधर-उधर भागने लगे। करीब 2 मिनट तक ओले गिरे। ओले का आकार सुपाड़ी की तरह रहा। वही बारिश करीब 20 मिनट तक होती रही। सब्जी फसल किसानों का कहना है कि इस बेमौसम बारिश में भीन्डी, लौकी, बैगन, खीरा, तरोई, बरबट्टी, टमाटर, फलों में कलिन्दा, खरबुज्जा को भी नुकसान हुआ है।
इधर, चितरंगी व देवसर अंचल में आज भी तेज हवाओं का असर रहा। तेज हवाओं के असर से मांगलिक कार्यक्रम शादी, तिलकोत्सव व श्रीमद भागवत कथा, महापुराण के लिए लगाये गये टेंट भी उजड़ गये। जिसके चलते मांगलिक कार्यक्रम के आयोजको एवं टेंट व्यवसायियों को आर्थिक नुकसान पहुंचा है। साथ ही आयोजक परेशान भी हुये हैं। तेज हवाओं का असर देर शाम तक रहा है। जिसके चलते कार्यक्रम अस्त-व्यस्त हो गया। वही मौसम विभाग के बदलते रूप को देखकर आगामी 30 अप्रैल को तेज लग्रसरा को देखते हुये मांगलिक कार्यक्रमों के आयोजक अभी से चिंतित नजर आने लगे हैं। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि कहीं मौसम रूठा तो कार्यक्रमों में खलल पड़ सकती है।