
जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर अनाथ बच्चों को शिक्षा एवं रोजगार में आरक्षण देने की मांग की गई है। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ को सुनवाई दौरान बताया गया कि इस याचिका में उठाए गए मुद्दों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लंबित है। हाईकोर्ट ने सरकार को अगली सुनवाई तक सुको में लंबित प्रकरण का स्टेटस पेश करने के निर्देश दिये है। इसके साथ ही युगलपीठ कहा है कि क्या इस याचिका में उठाए गए मुद्दे सुको की याचिका के समान हैं। मामले पर अगली सुनवाई 5 मई को होगी।
याचिका में बताया कि मध्य प्रदेश राज्य में अनाथ बच्चों-छात्रों को पृथक वर्ग में रखते हुए उन्हें शिक्षा एवं रोजगार मे कम से कम 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए। आवेदकों की ओर से कहा गया कि अनाथ छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा प्रत्येक संकाय में एडमीशन हेतु आरक्षण की व्यवस्था की गई है। महाराष्ट्र व उत्तराखंड राज्य ने ऐसे बच्चों को शिक्षा तथा रोजगार मे 5 फीसदी आरक्षण का कानून बनाया है। पिछले साल संसद में अनाथों को पृथक वर्ग घोषित कर आरक्षण देने का बिल प्रस्तुत किया गया है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 10 अगस्त 2022 को मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना बनाई गई है, जिसमें प्रतिमाह 4 हजार रुपए दिए जाने की व्यवस्था की गई है।
