
खंडवा। मध्यप्रदेश के पंचायतमंत्री प्रह्लाद पटेल खरा और कडक़ बोलते हैं। खंडवा जिले में वे खुलकर बोले। नेतागिरी ताक पर रखकर बोले। उन्होंने ऐसे सवाल उठाए,जिनसे अक्सर मंत्री परहेज करते हैं।
प्रह्लाद पटेल ने मीडिया से कहा कि स्टॉपडेम के लिए प्रदेश में सरकारों ने भरपूर पैसा दिया। अगर ये ईमानदारी से बनते तो कहीं भी, एक भी नदी-नाला सूखा नहीं मिलता। राज्य में इतने स्टॉपडेम बने हैं कि हर 50 मीटर में नदी-नाले में स्टॉपडेम मिल जाना चाहिए,लेकिन हकीकत ऐसी है नहीं।
एक स्टापडेम से खुश
मंत्री बोले, सच बोलना कभी घातक हो जाता है। इसलिए मैंने कुछ चीजों पर प्रतिबंध लगाए थे। सरपंच, सचिवों को कहा था कि नाली, सीसी, बाउंड्रीवॉल और स्टॉपडेम का पैसा मत मांगना। खंडवा में एक स्टॉपडेम सफल हुआ तो 23 किमी में पानी भर गया। ऐसे ईमानदार प्रयास होने चाहिए।
पटेल ने ग्रामीणों से कहा कि संगम चाहे नदियों का हो, चाहे वृक्षों का हो, वो जीवन देता है। उन्होंने कहा कि पौधे लगाकर प्रकृति की रक्षा करें। उन्होंने कहा कि वन को बचाना है तो वनवासियों की तरह सोचना होगा। कावेरी के उद्गम स्थल पर आते ही अलग ही उर्जा की अनुभूति होती है। वे बोले, हम पौधा लगाते हैं लेकिन उन्हें वृक्ष नहीं बना पाते। उन्होंने कहा कि जैसे हम अपने बच्चों को बचपन से लेकर बड़े होने तक संरक्षण देते हैं, वैसे ही वृक्ष भी हमारे बच्चों को जीवन देने वाला है,इसलिए उसके लिए भी अपना योगदान दें।
