हिस्ट्रीशीटर शमीम का काला चिट्ठा तैयार कर एनएसजी दिल्ली पहुंची

80 विस्फोट के साथ 150 छोटे बम और 200 बड़े खोलों को नष्ट किया          

  10 दिन शहर में रहकर टीम ने की छानबीन, जुटाए अहम सबूत
   
जबलपुर:  खजरी-खिरिया बाइपास स्थित रजा मेटल इंडस्ट्री में 25 अप्रैल को हुए विस्फोट के मामले में 26 अप्रैल को दिल्ली से जबलपुर पहुंंची एनएसजी की जांच पड़ताल पूरी हो गई है। 10 दिन शहर में रहकर एनएसजी की टीम ने हिस्ट्रीशीटर शमीम का न केवल काला चिट्ठा तैयार किया बल्कि ब्लास्ट से जुड़े अहम सबूत भी जुटाए है। इसके साथ ही 80 विस्फोट के साथ 150 छोटे बम और 200 बड़े बमों के खोलों को नष्ट किया है। 10 दिनों में हुई जांच पड़ताल से जुड़ी एक रिपोर्ट एनएसजी ने जबलपुर पुलिस को सौंप दी है जबकि फाइनल रिपोर्ट दिल्ली में सौंपी जायेगी। रविवार को एनएसजी वापिस दिल्ली रवाना हो गई है।

विदित हो कि हाईवे से लगे हिस्ट्रीशीटर गुंडे शमीम कबाड़ी के कारखाने में 25 अप्रेल को विस्फोट हुआ था। विस्फोट इतना खतरनाक था कि लगभग आठ से दस हजार वर्गफीट में फैला पूरा कबाडख़ाना ढह गया था। वहीं विस्फोट की गूंज पांच से छह किलोमीटर तक के इलाके में सुनाई दी थी। घटना के बाद से यह आशंका जाहिर की जा रही है कि शमीम द्वारा स्क्रेप में जिंदा बम  लाया गया था और उसी के फटने से यह घटना हुई।  गौर निवासी भोलाराम और आनंद नगर निवासी खलील के चीथड़े उड़ गए थे मानव अवशेष जप्त किए गए थे। मामले में अधारताल पुलिस ने शमीम उसके बेटे फहीम और पार्टनर सुल्तान पर गैर इरादतन हत्या, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और आपराधिक षडय़ंत्र की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था।
 पुलिस रिकॉर्ड में 3 वर्षों से फरार है कबाड़ी
हस्ट्रीशीटर बदमाश मोहम्मद शमीम की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। दरअसल विस्फोट की घटना से पूर्व में अधारताल थाना में वर्ष 2021 में पंजीबद्ध एक अपराधिक मामले में मोहम्मद शमीम अभी तक फरार है। हिस्ट्रीशीटर बदमाश मोहम्मद शमीम को ढूंढ रही लेकिन पुलिस के हाथ खाली है। जबकि शमीम का बेटा फहीम और साझेदार सुल्तान जेल में है।
एनआईए भी खंगाल रही कुंडल
सूत्रों की माने तो एनआईए भी गोपनीय तरीके से पड़ताल कर रही है। आरोपित के साथ उसके स्वजन और साझेदारों की कुंडली खंगाली जा रही है। इसके अलावा शमीम ने यह काम कब शुरू किया और कहां-कहां से वह स्क्रेप लेता था, इसका पूरा ब्यौरा जुटाया जा रहा है। इसमें उसके पुराने जुर्मों की सूची से भी जानकारी जुटाई जा रही है।  शमीम ने आयुध निर्माणियों समेत अन्य संस्थानों से स्क्रेप खरीदी की है।
विस्फोट में मारे गए खलील की

डीएनए रिपोर्ट आई
अति. पुलिस अधीक्षक सोनाली दुबे ने बताया कि विस्फोट के बाद मौके से जांच टीम ने अंग के कुछ टुकड़े जब्त किए थे। श्रमिक भोलाराम  भूमिया, खलील के अंगों को डीएनए रिपोर्ट के लिए भेजा गया था। रविवार को डीएनए रिपोर्ट आ गई जिसमें खलील के अंगों की पुष्टि हो गई है जबकि भोलाराम की एक रिपोर्ट और आना बाकी है।
तीव्रता का आकलन
कबाडख़ाने में विस्फोट के बाद भी कई पुराने बम और भारी मात्रा में बमों के खोल मिले हैं। एसआईटी अब मौके से जब्त किए गए बम के बारूद की भी जांच कराने की तैयारी कर रही है। ताकि उसकी तीव्रता का आकलन हो सके।
कॉल डिटेल्स से लेकर गुर्गों पर पैनी नजर
पुलिस की  शमीम के गुर्गों और करीबियों पर भी नजर है।  पता लगाया जा रहा है कि शमीम के देश में और कहां-कहां करीबी रहते है। पुलिस उक्त जिलों और प्रदेशों के थानों से सम्पर्क कर वहां शमीम पहुंचने के सम्बंध में भी जानकारी जुटा रही है। वहीं उसके मोबाइल कॉल रिकॉर्ड की डीटेल्स भी खंगाली जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि वह किस-किस के संपर्क में था।
इनका कहना है
एनएसजी की जांच पूरी हो गई है। टीम दिल्ली चली गई है। 200 बड़े सेल नष्ट किए गए। एक रिपोर्ट सौंप दी गई बाकी फाइनल रिपोर्ट दिल्ली से ही आयेगी। मामले की विस्तृत जांच जारी है। सीओडी आर्मी के जो शैल है उन्हें नष्ट करना बाकी है। जैसे ही निर्देश आएंगे उसे भी नष्ट करने की प्रक्रिया होगी।
तुषारकांत विद्यार्थी, डीआईजी

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