महंगाई आंकड़े, द्विपक्षीय व्यापार वार्ता एवं तिमाही नतीजे पर रहेगी बाजार की नजर

मुंबई, 13 अप्रैल (वार्ता) अमेरिकी टैरिफ से व्यापार युद्ध गहराने की आशंका में हुई बिकवाली वहीं शुल्क पर तीन महीने की अस्थाई रोक से हुई लिवाली से बीते सप्ताह रिकवरी होने के बावजूद मामूली गिरावट पर रहे घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह महंगाई आंकड़े, भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार वार्ता एवं कंपनियों के तिमाही नतीजे पर नजर रहेगी।

बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 207.43 अंक अर्थात 0.3 प्रतिशत गिरकर सप्ताहांत पर 75157.26 अंक पर आ गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 75.9 अंक यानी 0.33 प्रतिशत फिसलकर 22828.55 अंक पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तरह मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट का रुख रहा। इससे मिडकैप 234.29 अंक अर्थात 0.6 प्रतिशत टूटकर सप्ताहांत पर 40274.24 अंक और स्मॉलकैप 68.82 अंक यानी 0.2 प्रतिशत उतरकर 45798.35 अंक पर रहा।

अगले सप्ताह 14 अप्रैल सोमवार को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती और 18 अप्रैल शुक्रवार को गुड फ्राइडे पर अवकाश रहने के कारण बीएसई और एनएसई के साथ ही अंतरबैंकिंग मुद्रा बाजार में केवल तीन दिन ही कारोबार होगा।

बाजार विश्लेषकों के अनुसार, कई दिनों की अस्थिरता और अनिश्चितता के बाद भारतीय शेयर बाजार इस सप्ताह सकारात्मक रुख के साथ बंद हुआ। बाजार को अमेरिका की ओर से पारस्परिक शुल्कों पर अप्रत्याशित रोक लगाने से राहत मिली, जिसने निवेशकों को कुछ आश्वासन प्रदान किया और बाजार में सुधार की उम्मीद को बल दिया।

सूचना-प्रौद्योगिकी (आईटी), धातु और पूंजीगत वस्तुओं जैसे क्षेत्रों में राहत देखी गई, जो कि कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की दिशा पर नजर रखना अब भी जरूरी होगा क्योंकि इसके तीव्र होने की स्थिति में अमेरिका द्वारा अन्य उभरते बाजारों पर शुल्क स्थगन का असर सीमित हो सकता है।

इस बीच, बाजार ने आगामी तिमाही परिणाम सीजन की शुरुआत एक संयमित दृष्टिकोण के साथ की है। प्रमुख आईटी कंपनियों के प्रारंभिक परिणामों ने व्यापारिक तनाव के असर को रेखांकित किया है और विवेकाधीन खर्चों में संभावित देरी की संभावना जताई है, जिससे निवेशकों में सतर्कता देखी जा रही है।

भारत और अमेरिका के बीच चल रही द्विपक्षीय व्यापार वार्ता भी बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण कारक बनकर उभरी है। विश्लेषकों का कहना है कि यदि इन वार्ताओं का सकारात्मक परिणाम सामने आता है तो यह घरेलू बाजार की व्यापार क्षमता में और रंग भर सकता है।

अगले सप्ताह स्थानीय स्तर पर मार्च 2025 की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई और थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई के आंकड़े जारी होने वाले हैं। साथ ही अगले सप्ताह आईटी क्षेत्र प्रमुख कंपनी विप्रो और इंफोसिस समेत कई दिग्गज कंपनियों के 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2024-25 एवं इसी वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के परिणाम भी आने वाले हैं। इन आंकड़ों पर बाजार की नजर रहेगी।

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