भोपाल। एक्सटेंडेड प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान शिविरों में 1603 गर्भवती महिलाओं की जांच की गई.शिविर जिले की 81 स्वास्थ्य संस्थानों में आयोजित किए गए.जिसमें 20 से अधिक निजी क्षेत्र के चिकित्सकों द्वारा शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में आकर जांच की गई. गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए जिला चिकित्सालय, सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सिविल डिस्पेंसरी, संजीवनी क्लिनिक के साथ साथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, जवाहरलाल नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल, इंदिरा गांधी गैस राहत अस्पताल , हमीदिया अस्पताल, ख़ुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक हॉस्पिटल, प्रोतिमा मालिक पुलिस अस्पताल में शिविर आयोजित हुए.
अभियान के तहत निजी सोनोग्राफी केंद्रों के माध्यम से ई रूपी मॉडल में 40 महिलाओं की निशुल्क सोनोग्राफी की गई.शुगर में 458 गर्भवती महिलाओं को हाई रिस्क के रूप में चिह्नांकित किया गया है.जिसमें गर्भावस्था प्रेरित उच्च रक्तचाप, पूर्व में सीजेरियन प्रसव होने , एनीमिया, जेस्टेशनल डायबिटिक मेलिटस जैसी जटिलताएं शामिल हैं. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि एक्सटेंड प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान शिविर में चिह्नांकित हाईरिस्क महिलाओं को सुरक्षित प्रसव होने तक निरंतर फॉलोअप किया जाता है.मातृ मृत्यु दर को कम करने में इन शिविरों की महत्वपूर्ण भूमिका है।