इंदौर-कोटा राजमार्ग से लगी शासकीय भूमि पर कब्जा करने के प्रयासों में जुटा भूमाफिया
सुसनेर:प्रशासन की उदासीनता और कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से इंदौर-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग की बेशकीमती शासकीय जमीनों पर कब्जे का प्रयास भूमाफियाओं के द्वारा किया जा रहा है. इंदौर-कोटा राजमार्ग पर मुख्य सडक़ से लगी हुई तहसील भवन के सामने की शासकीय सर्वे नम्बर 2098 की करीब 40 बीघा भूमि जो कि कृषि उपज मंडी को आवंटित किया जाना प्रस्तावित है, पर कब्जा किया जा रहा है.
इस सर्वे नंबर से जुड़ी 2096 और 97 की जमीन पर भूमाफियाओं के एक ग्रुप द्वारा कॉलोनी काटी गई है. इस कॉलोनी में जितने रास्ते दिए गए हैं, उन रास्तों की जमीन को भू अधिकार पुस्तिका में कम न करके बेचा जा रहा है. तथा बेचने के बाद कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से सर्वे नंबर 2098 पर कब्जा दिलवाया जा रहा है. यह शासकीय भूमि इंदौर-कोटा राजमार्ग के अलावा डग-जीरापुर रोड के भी समीप हैं. इस सर्वे नंबर पर शासन ने मिट्टी खदान के लिए 3.9510 हैक्टेयर शासकीय भूमि आरक्षित कर रखी है. इस आरक्षित भूमि पर अभी तक मिट्टी की खुदाई भी शुरू नहीं हुई है.
भूमाफियाओं में कुछ राजनेता भी शामिल
प्रस्तावित नवीन कृषि उपज मंडी के निर्माण हेतु इस शासकीय सर्वे नंबर 2096 को आंवटित करने का प्रस्ताव शासन के पास विचाराधीन है. इस सर्वे नंबर पर जो भूमाफिया कब्जा करने में जुटे हैं. उनमें कुछ राजनेता भी शामिल हैं. शायद इन्हीं राजनेताओं के दबाव के चलते प्रशासन इस शासकीय जमीन पर कब्जे के प्रयासों को अनदेखा कर रहा है. मुख्य मार्ग से 150 से 200 फीट अंदर इस भूमि का बाजार मूल्य 2 हजार से 2500 रुपए स्क्वेयर फीट है. इस बेशकीमती भूमि पर कब्जा करके उसे बेचने के प्रयासों में भूमाफिया और कर्मचारी जुटे हुए हैं. इस सर्वे नंबर से लगी हुई जमीन पर नियमों के विरूद्ध काटी गई कॉलोनी की जमीन का सीमांकन प्रशासन कर ले, तो प्रशासन के सामने सारी सच्चाई आ जाएगी.
इनका कहना है
नगरीय क्षेत्र के शासकीय सर्वे क्रमांक 2098 की जमीन कृषि उपज मंडी को आवंटित किए जाने के लिए कलेक्टर को प्रस्ताव दिया गया है. अभी हमें जमीन आंवटित नहीं हुई है. कई प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अभी पूरा किया जाना बाकी है. जब तक जमीन आवंटित नहीं हो जाती, तब तक मैं इस संबंध में कुछ भी नहीं कह सकता हूं.
– राजेंद्र शर्मा, सचिव कृषि उपज मंडी सुसनेर