नयी दिल्ली 02 अप्रैल (वार्ता) कांग्रेस ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि मोदी सरकार देश में भय का माहौल बना रही है और व्यक्तियों के बीच भेदभाव कर रही है।
कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने ‘आप्रवास एवं विदेशी विषयक विधेयक 2025’ पर सदन में चर्चा शुरु करते हुए कहा कि उनकी पार्टी इसका विरोध करती है। उन्होंने कहा कि इससे देश में भय का माहौल बनेगा और यह संविधान की मूल भावना के विरुद्ध होगा। यह अधिकारियों काे प्रताड़ना का अधिकार देता है। व्यक्तियों के बीच भेदभाव करता है। यह विदेशियों को मनमाने ढंग से देश से बाहर करने का अधिकार सरकार को देता है।
उन्होंने कहा कि यह विधेयक आव्रजन अधिकारी को असीमित अधिकार देता है। उसके निर्णय के विरुद्ध अपील भी नहीं की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि यह अधिकारी किसी भी व्यक्ति को विदेश जाने से रोक सकता है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक भारत के लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए संकट है। फिलहाल यह विदेशियों के लिए हैं, लेकिन जल्दी ही भारतीय नागरिकों पर भी इसकी छाया पड़ेगी।
इससे पहले गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में चर्चा कराने के लिए यह विधेयक पेश किया।
भारतीय जनता पार्टी की रेखा शर्मा ने कहा कि विदेशियों का स्वागत राष्ट्र के हितों की कीमत पर नहीं होना चाहिए। कांग्रेस के शासन में राष्ट्रहित के इस पक्ष को अनदेखा किया गया जिससे बंगलादेश के लाखों लोग भारत में जमने में कामयाब हो गये। पश्चिम बंगाल में बंगलादेशियों के कारण हालात बहुत खराब हो गये हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मशाला नहीं है। यह विधेयक भारत को भारतीयों के लिए सुरक्षित बनाने में मदद करेगा। देश में आप्रवासन के कारण जनसंख्या की समस्या बढ़ती जा रही है। आप्रवासियों के कारण देश के संसाधनों पर भी भार पड़ता है। यह विधेयक भारत का भविष्य निर्धारित करेगा।
तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव ने कहा कि यह विधेयक देश की विदेश नीति में भारी बदलाव करेगा। इस विधेयक की आवश्यकता नहीं है। देश में पहले से ही अनेक ऐसे कानून और उपाय हैं जिनसे विदेशी लोगों को नियंत्रित किया जा सकता है। नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) के नाम पर असम में धोखा किया गया। किसी को नागिरकता नहीं दी गयी। एनआरसी के नाम भी खेल किया है। छह साल बीत गये। कुछ नहीं हुआ। आधार कार्ड भी घुसपैठियों को रोकने में कामयाब नहीं हो पाया। उन्हाेंने कहा कि सरकार एकीकरण और अखंडता के नाम पर लोगों को परेशान कर रही है। पश्चिम बंगाल में ममता सरकार के विरुद्ध दुष्प्रचार करता है।
द्रमुक के एन आर इलांगो ने कहा कि विदेशियों अगर भारत का नागरिक बनना है, तो उन्हें कानूनी रास्ता अपनाना चाहिए। इसके बारे नियम सख्त होने चाहिए और उनका पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रीलंका से अपने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देनी चाहिए।