ग्वालियर: डॉ. रेखा रघुवंशी की मृत्यु के मामले में उनके परिजनों ने संदेह जताया है, उनका कहना है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या है। इस आरोप के बाद यहां के गजराराजा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आरकेएस धाकड़ के नेतृत्व में आतंरिक जांच कमेटी गठित की गई है। जो घटना की तह तक जाकर जांच करेगी। डॉ रघुवंशी मेडिकल कॉलेज में न्यूरोलॉजी की पढ़ाई कर रही थी।
मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की रेलिंग पर डॉ. रेखा की बॉडी लटकी हुई मिली थी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही उनकी बॉडी को नीचे उतार दिया गया था।रविवार को सुबह होस्टल के कमरे में डॉक्टर रेखा की बॉडी मिली थी। डॉ रेखा रघुवंशी न्यूरोलॉजी में डीएम कर रही थी। डॉ रेखा एमबीबीएस और एमडी कर चुकी थी। वह अशोकनगर जिले की रहने वाली थी। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने अपने स्तर पर जांच कमेटी गठित की है लेकिन कंपू थाना पुलिस भी मामले की जांच कर रही है।
गजराराजा मेडिकल कॉलेज में न्यूरो की डॉक्टर रेखा रघुवंशी की संदिग्ध परिस्थितियों में लाश मिली थी। शनिवार देर रात हॉस्टल के वार्डन ने रेखा की मौत की खबर प्रशासन को दी थी। रेखा अपने कमरे में मृत पड़ी थी।बताया गया कि उन्होंने फांसी लगाकर खुदकुशी की। सूचना मिलने पर कंपू थाना पुलिस मौके पर पहुंची और डॉक्टर रेखा की शव को पोस्टमार्टम के लिए जयरोग्य अस्पताल के पीएम हाउस लाया गया।
रिश्तेदार ने बताया कि रेखा की शादी तय हो चुकी थी। अगले साल फरवरी में उसकी शादी होने वाली थी। लेकिन हॉस्टल के अंदर रेखा ने खुदकुशी कर ली, इस पर संदेह जताया है। कंपू पुलिस ने जांच के लिए डॉक्टर रेखा रघुवंशी का फोन बरामद किया है। फोन की चैटिंग एवं पीएम रिपोर्ट के आधार पर कंपू पुलिस ने मामले की जांच को आगे बढ़ाया है।पुलिस प्राथमिक जांच में इसे आत्महत्या मान रही है, लेकिन परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है।
हालांकि कंपू थाना प्रभारी रुद्र पाठक ने कहा है कि हर पहलू की जांच की जा रही है। परिजनों के आरोपों को भी गंभीरता से लिया गया है। पोस्टमॉर्टम और फोरेंसिक जांच के बाद ही असली कारण स्पष्ट होगा।पुलिस की अब तक की जांच में सामने आया है कि डॉक्टर रेखा की दोस्ती कार्डियोलॉजी में डीएम कर रहे एक डॉक्टर से थी, जो समय के साथ गहरी हो गई थी। हाल ही में दोनों की सगाई अलग-अलग जगह तय हो गई थी। बताया जा रहा है कि रेखा इसके चलते तनाव में थी, जबकि उसका दोस्त आगे बढ़ चुका था। पुलिस ने इस पहलू को भी जांच में शामिल किया है।
मृतका के चाचा शिवनारायण सिंह का कहना है कि जिस रोशनदान से फांसी लगाने की बात कही जा रही है, उसकी ऊंचाई और बेड की ऊंचाई में ज्यादा अंतर नहीं है। रेखा की लंबाई 5 फीट से अधिक थी, ऐसे में फांसी लगाने का तरीका संदिग्ध लगता है। कमरे के पीछे का दरवाजा खुला मिला, जिससे बाहरी हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।पास के कमरे में रहने वाली एक छात्रा गायब है, जिससे शक और गहरा रहा है। रेखा के मोबाइल के कॉल रिकॉर्ड, मैसेज, फोटो गैलरी और चैटिंग एप्स की बारीकी से जांच की जा रही है ताकि मौत के पीछे की असली वजह सामने आ सके।
मौत से एक दिन पहले तक सामान्य थीं रेखा
परिजनों के मुताबिक, मौत से एक दिन पहले रेखा की घर पर बात हुई थी और वह पूरी तरह सामान्य लग रही थीं। उनके भाई रोहित रघुवंशी का कहना है कि रेखा हमेशा से बहादुर थी। वह कभी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकती। यह पूरी तरह से संदिग्ध मामला है।
बहरहाल, मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आर.के.एस. धाकड़ ने मामले की जांच के लिए जो आंतरिक समिति बनाई है, उसमें वरिष्ठ डॉक्टर और हॉस्टल प्रशासन के सदस्य शामिल हैं। जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि यह आत्महत्या है या हत्या।