
नयी दिल्ली 28 मार्च (वार्ता) दिल्ली विधान सभा के बजट सत्र में शुक्रवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने वर्ष 2021-2022 और 2022-2023 के लिए सरकार के वित्त लेखों और विनियोग लेखों को सदन के समक्ष रखा है।
श्रीमती गुप्ता ने संबंधित दस्तावेजों को सदन पटल पर प्रस्तुत करते हुए कहा कि पिछली सरकार ने इन महत्वपूर्ण लेखों को सदन में पेश करने की जिम्मेदारी नहीं निभायी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं इस अवसर पर सभी सदस्यों, विशेषकर नए सदस्यों को यह बताना चाहूंगी कि दिल्ली सरकार की वित्तीय दशा को समझने के लिए यह रिपोर्ट भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। वित्त और विनियोग लेखों की भी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) द्वारा सावधानीपूर्वक जांच की जाती है और ऑडिट किया जाता है और फिर इनको सदन में प्रस्तुत किया जाता है।”
मुख्यमंत्री ने सदन के सदस्यों से अनुरोध है कि वे इनको ध्यान से पढ़ें। उन्होंने कहा कि दूसरी रिपोर्टों की तरह इन रिपोर्टों को भी पिछली सरकार द्वारा दबा दिया गया था और विधानसभा के समक्ष नहीं लाया गया था। उन्होंने कहा, “मैं इस संबंध में कैग की टिप्पणियों का संक्षेप में उल्लेख करना चाहूंगी।”
श्रीमती गुप्ता ने वर्ष 2021-2022 के विनियोग खाते में कैग ने बताया है कि कुल 10539 करोड़ रुपये की बचत थी, जिसमें से 5458 करोड़ रुपये समयाविधि रहते व्यय न होने के कारण कालातीत (लैप्स) हो गए। इसी तरह वर्ष 2022-2023 में कुल 14115.71 करोड़ की बचत हुई, जिसमें से 7557.47 करोड़ रुपये देरी के कारण लैप्स हो गए थे।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार द्वारा उचित योजना बनाई जाती और सही क्रियान्वयन किया जाता तो इस धनराशि का इस्तेमाल दिल्ली के लोगों की कल्याण के लिए किया जा सकता था।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-2022 के वित्त खाते में कैग ने पाया है कि सरकारी विभागों द्वारा व्यय बिल जमा न करने के कारण 432.42 करोड़ रुपये की राशि बकाया पड़ी रह गयी थी। इसका मतलब यह है कि इसकी पुष्टि करने का कोई तरीका नहीं था कि विधानसभा की स्वीकृति के अनुसार राशि वास्तव में खर्च की गई थी या नहीं। वर्ष 2022-2023 में यह राशि 574.89 करोड़ रुपये थी। कैग ने, 31 मार्च, 2023 तक 9314.85 करोड़ की राशि के उपयोग प्रमाण पत्र प्रस्तुत न करने पर भी चिंता जाहिर की है, जिससे फंड के दुरुपयोग का गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसा कि हमारे नियमों में प्रावधान है, इन खातों की जांच लोक लेखा समिति द्वारा की जाएगी। विधानसभा और लोक लेखा समिति की जांच से हमारे वितीय खातों का उचित लेखा-जोखा सुनिश्चित होगा और यह सुनिश्चित हो सकेगा कि सरकारी धन का दुरुपयोग न हो।