नयी दिल्ली, 26 मार्च (वार्ता) सरकार ने बुधवार को संसद में बताया कि वर्तमान में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल)/ सिंगारेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के कोयला खदान श्रमिकों के लिए कोई स्वास्थ्य बीमा योजना नहीं है लेकिन ये कंपनियां अपने श्रमिकों को कंपनी के अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराती हैं।
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि वर्तमान में सीआईएल/एससीसीएल के कोयला खदान श्रमिकों के लिए कोई स्वास्थ्य बीमा योजना नहीं है। श्री रेड्डी ने बताया कि सीआईएल/एससीसीएल अपने कर्मचारियों के स्वयं तथा आश्रित परिवार के सदस्यों के लिए सीआईएल/एससीसीएल के अस्पतालों/औषधालयों में चिकित्सा उपचार की सुविधा प्रदान करती है।
उन्होंने बताया कि कोयला कंपनियों के कर्मचारियों तथा उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को भी चिकित्सा उपचार की विशेष सुविधा का लाभ उठाने के लिए आवश्यकतानुसार देश भर के सूचीबद्ध अस्पतालों में रेफर किया जाता है। सीआईएल/सहायक कंपनियों के प्रतिष्ठानों में लगे ठेकेदारों के श्रमिकों को भी कंपनी के अस्पतालों/औषधालयों में उपलब्ध इनडोर तथा ओपीडी सुविधा प्रदान की जा रही है।
उन्होंने बताया कि एससीसीएल के गैर-पंजीकृत कर्मचारियों तथा उनके जीवन-साथी को निर्धारित सदस्यता शुल्क का भुगतान करने पर अंशदायी सेवानिवृत्ति पश्चात चिकित्सा योजना में नामांकित किया जाता है, जिसके तहत वे सूचीबद्ध अस्पतालों में नकद रहित उपचार का लाभ उठा सकते हैं।
श्री रेड्डी ने यह भी बताया कि कोयला मंत्रालय द्वारा आवंटित कुल 28 कैप्टिव/वाणिज्यिक निजी कोयला ब्लाकों में खदान खोलने की अनुमति दी जा चुकी है। इनमें से 26 कोयला खदानों ने उत्पादन शुरू कर दिया है।