हाईकोर्ट ने कहा दायर करें अवमानना याचिका
जबलपुर। श्री देव दत्तात्रेय मंदिर पब्लिक ट्रस्ट गौरझामर जिला सागर में सिर्फ कब्जा कर सिर्फ ब्राह्मण वर्ग को दर्शन की अनुमति दिये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने पाया कि पूर्व में दायर अन्य याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने यथास्थिति के आदेश जारी किये थे। युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए याचिकाकर्ता को अवमानना याचिका दायर करने की स्वतंत्रता दी है।
गौरझामर निवासी डॉ उत्तम सिंह लोधी की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि श्री देव दत्तात्रेय मंदिर पब्लिक ट्रस्ट की जमीन व मंदिर में गोलू शेंडे ने कब्जा कर रखा है। जिस व्यक्ति ने मंदिर व जमीन पर कब्जा कर रखा है, वह मंदिर के पूर्व महंत तथा ट्रस्टी का बेटा है। उनका कहना है कि देव दत्तात्रेय ब्राम्हणों के देवता है, इसलिए सिर्फ ब्राह्मण ही पूजा-पाठ व दर्शन के लिए जा सकते है। मंदिर में अन्य वर्ग के लोगों के जाने पर प्रतिबंध है। याचिका में कहा गया था कि पूर्व में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने यथास्थिति के निर्देश जारी किये थे।
याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि पूर्व में मंदिर संबंधित विवाद के लिए तीन अन्य याचिका दायर की गयी थी। जिसमें से दो याचिकाएं लंबित है। एक याचिका पर हाईकोर्ट ने यथास्थिति के आदेश जारी किये थे। हाईकोर्ट के यथास्थिति के आदेश का पालन नहीं होने के कारण याचिकाकर्ता अवमानना याचिका दायर कर सकता है। युगलपीठ ने उक्त आदेश के साथ याचिका का निराकरण कर दिया।