जबलपुर: एक ओर जहां अपराधी संस्कारधानी को जहां अपराधधानी बनाने पर तुले हुए हैं तो दूसरी ओर शहर की सडक़ों से रात्रि पुलिस गश्त गायब है। खाकी वर्दी सिर्फ थानों तक सिमटकर रह गई हैं। गली-कूूंचों से पुलिसिंग का नामोंनिशान मिटता जा रहा हैं। शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों के संवेदनशील चौराहों पर तक पुलिस जवान नहीं दिखते हैं। पुलिस की मुस्तैदी देखने नवभारत ने बीती रात शहर के प्रमुख चौराहों का जायजा लिया।
इसके साथ ही कैमरे में तस्वीरें भी कैद की जो इसकी गवाहीं दे रही थी कि पुलिस थानों तक सिमट कर रह गई है। जायजा लेने की शुरूवात गुरुवार की दरमियानी रात रात्रि करीब 11:35 बजे रसल चौक से हुई। इसके बाद तीन पत्ती, सिविक सेंटर, नौदरा पुल, ओमती रिपटा, घंटाघर, कलेक्ट्रेट, हाईकोर्ट चौराहा, अम्बेडकर चौक, बल्देवबाग, घमापुर, सिंधी कैंप, मंडी मदार टेकरी होते हुए रात्रि करीब 12:10 बजे तक जायजा लिया गया। इस दौरान राहगीरों की आवाजाही तो बनी रही लेकिन दूर-दूर तक पुलिस का पहरा नहीं दिखा।
नया पेट्रोल प्लान भी ध्वस्त
अपराधों को रोकने नया नया पेट्रालिंग प्लान भी बनाया गया था। जिसके तहत शहर को दो जोनों में बांटा गया। एएसपी से लेकर सीएसपी, टीआई, स्टाफ समेत गश्त में लगाया गया। कुछ दिन तो शहर की सडक़ों पर पुलिस का पहरा नजर आने लगा था परंतु धीरे धीरे नया प्लान भी अब ध्वस्त होता नजर आ रहा है।
गलियों में भी करना होगा कूच
चाकूबाजी से लेकर लूट-चोरी, डकैती जैसी वारदातें अधिकांश रात में ही होती है। अपराधियों से निपटने के लिए पुलिस को मुखबिर तंत्र मजबूत करने के साथ गश्त का दायरा बढ़ाने की जरूरत है। शहर के चौक चौराहों से लेकर गलियों में भी पुलिस को कूच करना होगा तब जाकर अपराधियों के हौसले पस्त पड़ेगेे।
कॉम्बिग गश्त के नाम पर वारंटी पकड़ रहे
पुलिस कभी कभार कॉम्बिग गश्त करती है जो शहर से लेकर ग्रामीण अंचल में होती है जिसके नाम पर सिर्फ वारंटियों, छोटे मोटे अपराधियों को ही पकडक़र पुलिस अपनी ही पीठ थपथपा लेती है।
इनका कहना है
पुलिस अधीक्षक का गश्त को लेकर जो प्लान बनाया गया है वह सिर्फ दिखावा है, अपराधों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है, गश्त को प्रभावी बनाना होगा। होली पर्व पर पहली बार इतने अपराध हुए जो कभी नहीं हुए।
आरके सिंह सैनी, अधिवक्ता
अधिकांश अपराध रात में ही होते हैं, चाकूबाजी बढ़ रही,चोरियां लूट की वारदातें भी बढ़ रही है, लेकिन पुलिस गश्त कहीं दिखती नहीं है अपराध रोकने गश्त बढ़ाने के साथ पेट्रोलिंग वाहनों की संख्या भी बढ़ाने की जरूरत है
विजय रजक, युवा कांग्रेस नेता
हर दिन 6 अलग-अलग लोकेशन पर पुलिस प्वाइंट लगाकर चेकिंग होती है इसके साथ ही गश्त भी कराई जाती है। रात करीब नौ बजे से दो बजे चेकिंग प्वाइंट लगते है।
आनंद कलादगी, एएसपी, सिटी