सियासत
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अगले महीने यानी अप्रैल में राजनीतिक नियुक्तियों का पिटारा खोलने वाले हैं. इसकी तैयारीयां की जा रही हैं. शुरुआत रामनिवास रावत से की जाएगी जिन्हें बड़े निगम मंडल का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट का दर्जा दिया जा रहा है. सूत्रों का कहना है कि विधानसभा के बजट सत्र और प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद मुख्यमंत्री ऐसा करना चाहते हैं ताकि विधानसभा चुनाव के बाद से प्रतीक्षारत नेताओं को एडजस्ट किया जा सके. इसी के साथ इंदौर विकास प्राधिकरण का फैसला भी जल्दी ही होने की खबर है.
मुख्यमंत्री चाहते हैं कि इंदौर के विकास कार्यों को गति मिले इसलिए प्राधिकरण की कुर्सी को अधिक समय तक रिक्त रखना ठीक नहीं है. सूत्रों का कहना है कि इस कुर्सी के लिए गौरव रणदिवे, सुदर्शन गुप्ता और जयपाल सिंह चावड़ा लगे हुए हैं. जयपाल सिंह चावड़ा तत्कालीन संगठन महामंत्री सुहास भगत के कारण इंदौर विकास प्राधिकरण की कमान संभाल चुके हैं, लेकिन वो अब फिर से नए सिरे से कोशिश कर रहे हैं.
उनके अलावा भी अनेक दावेदार सामने आए हैं. भाजपा में यह सभी को पता है कि इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष का फैसला मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव करेंगे. इंदौर विकास प्राधिकरण के गठन में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की भी भूमिका रहेगी क्योंकि प्राधिकरण उनके मंत्रालय में आता है. इसी के साथ निगम मंडलों की नियुक्तियों का भी सिलसिला खरमास की समाप्ति यानी 15 अप्रैल से शुरू हो सकता है. सूत्रों का कहना है कि सुदर्शन गुप्ता इस पद के लिए सबसे ज्यादा भागदौड़ कर रहे हैं. सुदर्शन गुप्ता के लिए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा सुमित्रा ताई का भी दबाव रहेगा.
विधानसभा चुनाव के बाद से सुदर्शन गुप्ता ने कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से भी अपने संबंध बहुत अच्छे कर लिए हैं. इसलिए विजयवर्गीय का रवैया भी सुदर्शन के लिए अनुकूल है. जहां तक गौरव रणदिवे का सवाल है तो जिस तरह से उनके नगर अध्यक्ष रहते भाजपा को चुनावी सफलताएं मिलीं हैं. उससे उनके नंबर बढ़े हैं. जाहिर है विष्णु दत्त शर्मा और हितानंद जैसे नेता गौरव रणदिवे के पक्ष में हैं. सूत्रों का कहना है कि जयपाल सिंह चावड़ा भी इन्हीं दोनों नेताओं के सहारे हैं. इनके अलावा भी कुछ और नेता प्राधिकरण के लिए लगे हैं. इनमें एक प्रमुख नाम जीतू जिराती का भी है