इंदौर:योजना 151 में आईडीए को पूरी जमीन लेने में 21 साल लग गए। यह योजना आईडीए ने सुपर कॉरिडोर पर लागू की थी, जिसमें 1 हजार एकड़ जमीन शामिल की गई थी.आईडीए ने अप्रैल 2004 में सुपर कॉरिडोर पर योजना 151 में धारा 50 (7) की कार्रवाई कर लागू की थी. उक्त योजना को लागू किए 21 साल हो गए, लेकिन आईडीए मार्च 2025 में पूर्ण जमीन लेने की कार्रवाई कर पाया है. वजह यह है कि निजी जमीन मालिक कोर्ट चले गए, कुछ को विश्वास नहीं था तो कुछ जमीन देने को राजी नहीं थे. खैर, कारण जो भी रहा हो, लेकिन आईडीए किसानों और जमीन मालिकों को विकसित क्षेत्र का 50 प्रतिशत जमीन का हिस्सा दे रहा है.
पिछले एक साल में जमीन के बदले प्लॉट मिलने से किसानों को बड़ा लाभ मिलने लगा. उनके प्लॉट की कीमत जमीन से ज्यादा हो गई और योजना में विकास के साथ बड़ा फायदा यह हुआ है. विकसित जमीन पर कई तरह के योजनानुसार प्रोजेक्ट लगाने या अन्य उपयोग से करोड़ों के मालिक बन गए. आईडीए को योजना लागू करने के बाद उसको जमीन मालिक से विक्रय अनुबंध और विकास में सालों लग जाते है. परिणाम यह होता है कि योजना में शामिल जमीन का मुआवजा, अवार्ड देने के बाद विकास की लागत कई गुना तक बढ़ जाती है. योजना का विकास समय पर नहीं होने से आईडीए को करोड़ों रुपए का नुकसान भी होता है.
99 प्रतिशत जमीन मिली
आईडीए को योजना 151 में 99 प्रतिशत जमीन मिल चुकी है. सिर्फ 2.291 हैक्टेयर जमीन का अनुबंध होना बाकी है. उक्त योजना का बचा विकास कार्य भी आईडीए ने शुरू कर दिया है. अगले दो तीन माह में योजना 151 का कार्य पूर्ण होने की संभावना है.
योजना 151ः एक नजर में
योजना लागू – 23 अप्रैल 2004
योजना में शामिल कुल जमीन – 396.2 हैक्टेयर यानि 1000 एकड़
योजना में सरकारी जमीन – 159.33 हैक्टेयर यानि 399 एकड़ जमीन
योजना में शामिल निजी जमीन – 236.89 हैक्टेयर यानि 592 एकड़ जमीन
योजना की अवार्ड पारित जमीन – 6.537 हैक्टेयर यानि 15.85 एकड़ जमीन
योजना में किसानों से अनुबंध – 230.54 हैक्टेयर यानि 576.35 एकड़ जमीन
अभी तक किसानों से अनुबंध – 228 हैक्टेयर यानि 570 एकड़ जमीन
योजना में शेष विक्रय अनुबंध जमीन- 2.291 हैक्टेयर यानि 5.72 एकड़ जमीन
योजना में शेष भूधारक – 24 भूधारक शेष
