विपक्ष ने मतदाता पहचान पत्र में विसंगति, परिसीमन, एनईपी पर चर्चा की मांग की

नयी दिल्ली 12 मार्च (वार्ता) विपक्ष ने बुधवार को राज्यसभा में मतदाता पहचान पत्र में विसंगति, परिसीमन, एनईपी पर चर्चा की मांग की।

सदन की कार्यवाही शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने श्री चंद्रकांत हांडूर ( 13 मार्च), श्री डेरेक ओब्राईन (14 मार्च) श्री एम थंबी दुरै (15 मार्च) को जन्म दिन की शुभाकांमनायें दी। इसके बाद उन्होंने बताया कि नियम 267 के तहत चर्चा के लिए नौ सदस्यों ने नोटिस दिया है। इसमें कांग्रेस के प्रमोदी तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले, डोला सेन और सुष्मिता देब और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने मतदाता पहचान पत्र के दोहराव के मुद्दे पर कार्य स्थगन कर चर्चा कराने की मांग की है। हालांकि सभापति द्वारा दिये गये व्यवस्था के तहत इन नोटिसों को स्वीकार नहीं किया गया है।

इस पर श्री तिवारी ने कहा कि लाेकतंत्र में चुनाव कराना ही सिर्फ काफी नहीं है। चुनाव के निष्पक्ष और सही तरीके से होना भी लोकतंत्र की आत्मा है। मतदाता पहचान पत्र के दोहरावे से 48 लाख मतदाता बढ़ाये गये हैं इस पर चुनाव को जबाव देना चाहिए।

तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्राईन ने कहा कि सभापति ने व्यवस्था दी है लेकिन सदन में परंपरा रही है और इस मुद्दे पर भी चर्चा करायी जानी चाहिए। अगले सप्ताह इस पर चर्चा करायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि भारत भर में कई मतदाताओं को एक ही नंबर वाले मतदाता फोटो पहचान पत्र जारी किए गये हैं। यह एक गंभीर मामला है।

इसके बाद शुरू हुये शून्यकाल में राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा ने इस मुद्दे को उठाते हुये कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है। एक ही नंबर के मतदाता पहचान पत्र कई लोगों के नाम होना बहुत गंभीर बात है। चुनाव कराना ही सिर्नेफ संवैधानिक अधिकार नहीं है बल्कि निष्पक्ष चुनाव भी होना चाहिए। पड़ोसी राज्यों से यह प्रभावित होता है। मतदाता पहचान पत्र का पहला और दूसरा अंक लोकसभा और विधानसभा से जुड़ा होता है लेकिन चुनाव आयोग ने एक ही राज्य में अगल अलग विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों में एक ही नंबर वाला मतदाता पहचान पत्र जारी किया है जिससे निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है। यह गंभीर संदेश जाना चाहिए कि यह गंभीर घोखाधड़ी कहां से शुरू हुआ है। जब जब यह शंका होती है जो इसका जबाव गोलमोल दिया जाता है लेकिन यह बहुत गंभीर मुद्दा है।

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