नयी दिल्ली, 10 मार्च (वार्ता) लोकसभा में भाषा के मुद्दे पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम् (द्रमुक) सदस्यों ने सोमवार को भारी हंगामा किया और सदन के बीचो-बीच आकर नारेबाजी की, जिसके कारण अध्यक्ष ओम बिरला को सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
श्री बिरला ने बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही जैसे ही शुरू की, विपक्ष के सदस्यों ने जरूरी मुद्दों का हवाला देते हुए उन पर चर्चा करने की मांग की, लेकिन अध्यक्ष ने सदस्यों को शांत रहने और प्रश्नकाल चलने देने की सलाह दी। इस दौरान कई प्रश्न सदन में पूछे गए और सरकार ने उनका जवाब दिया लेकिन शिक्षा नीति को लेकर द्रमुक सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और कहा कि भाषा के नाम पर हिंदी को थोपा जा रहा है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने द्रमुक पर भाषा के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि उसकी राजनीति से बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। उन्होंने कहा कि वे जब भाषा का मुद्दा उठाते हैं तो उनकी इस राजनीति से बच्चों का भविष्य प्रभावित होता है। उनका कहना था कि वह राजनीति करें, लेकिन ऐसी राजनीति नहीं होनी चाहिए जिससे देश के बच्चों का भविष्य प्रभावित हो।
उन्होंने कहा कि द्रमुक ईमानदार नहीं है। वह तमिलनाडु के छात्रों के प्रति प्रतिबद्ध नहीं है और तमिलनाडु के छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रही है। इस दल के लोगों का एकमात्र काम भाषाई अवरोध पैदा करना है। वे राजनीति कर रहे हैं और शरारतपूर्ण तरीके से भाषा की बात कर अलोकतांत्रिक काम कर रहे हैं।
इस पर द्रमुक सदस्य हंगामा करते हुए और तमिलनाडु के लोगों के साथ अन्याय होने का आरोप लगाते हुए सदन के बीचो-बीच आ गये। अध्यक्ष ने हंगामे के बीच ही सदन को चलाने का प्रयास किया, लेकिन हंगामा बढ़ता गया तो उन्होंने 12 बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी।