नयी दिल्ली, 07 मार्च (वार्ता) केंद्रीय युवा मामले और खेल तथा श्रम और रोजगार मंत्री (डॉ.) मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को तेलंगाना के कान्हा शांति वनम में लॉस एंजिल्स 2028 ओलंपिक के लिए भारत की तैयारियों और 2036 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी के लिए देश की दावेदारी को लेकर दो दिवसीय चिंतन शिविर की अध्यक्षता की।
आज यहां इस अवसर पर केंद्रीय युवा मामले और खेल राज्य मंत्री रक्षा निखिल खडसे, विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के खेल मंत्री, वरिष्ठ खेल प्रशासक, प्रमुख सरकारी अधिकारी और क्षेत्र के विशेषज्ञ विचारों का आदान-प्रदान करने और भारत के वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में उभरने के लिए रोडमैप तैयार करने के लिए एकत्रित हुए।
डॉ. मंडाविया ने कहा, “चिंतन शिविर माननीय प्रधानमंत्री के सुशासन के दृष्टिकोण से निर्देशित एक पहल है। यह मंच हमें सहयोग करने और ओलंपिक की मेजबानी के अपने सपने को आगे बढ़ाने का अवसर देता है।”
चिंतन शिविर में प्रतिभा पहचान, कोचिंग पद्धति, खेल अवसंरचना और खेलों के सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा की गई। शिविर में जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, हरियाणा, बिहार, केरल, उत्तराखंड, गुजरात और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने अपनी सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली को साझा किया।
खेल मंत्री ने नौ-14 वर्ष की आयु के युवा एथलीटों की पहचान करने और उन्हें दीर्घकालिक ओलंपिक तैयारी के लिए तैयार करके जमीनी स्तर पर खेलों को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा, “हम प्रतिभाओं को छूटने नहीं दे सकते। प्रतिभा पहचान और प्रबंधन में एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण, साथ ही राष्ट्रीय खेल महासंघों की सक्रिय भागीदारी ओलंपिक मिशन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।”