भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनकर उभरा : प्रधान

चेन्नई 28 फरवरी (वार्ता) केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को कहा कि वर्ष 2025 तक भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनकर उभरा है, जिसका संयुक्त मूल्यांकन 35.4 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक है।

यहां आईआईटी मद्रास में भारत के सबसे बड़े अनुसंधान एवं विकास मेले ‘आईइन्वेनटिव 2025’ के उद्घाटन सत्र को वर्चुअली संबोधित करते हुए श्री प्रधान ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया और वैश्विक स्टार्टअप अवसरों को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान संबंधों को मजबूत करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा “तमिलनाडु हमेशा से नवाचार, उद्यमशीलता और उत्कृष्टता की भूमि रहा है और इसने भारत को कुछ सबसे प्रतिभाशाली उद्यमी, नवोन्मेषक, वैज्ञानिक और शोधकर्ता दिए हैं, जिन्होंने राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।”

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा, “मुझे यकीन है कि उच्च शिक्षा संस्थानों और उद्योग के प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भागीदारी के साथ आईइनवेन्टिव 3.0 नवाचार क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित ब्रांड के रूप में उभरेगा। मुझे यकीन है कि कार्यक्रम में भाग लेने वाले उद्योग के नेताओं को प्रदर्शित कई तकनीकें उपयोगी लगेंगी, जिससे निकट भविष्य में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा मिलेगा।”

डॉ. मजूमदार ने तमिल संगम युग के दार्शनिक, कनियन पूनकुंरानार – याधुम ऊरे यावरुम केलिर (हर जगह घर है, और सभी प्राणी हमारे परिजन हैं) का हवाला देते हुए कहा कि तकनीकी उन्नति को बढ़ावा देना तिरुवरूर या पुरी जगन्नाथ मंदिर के रथों को खींचने जैसा है – इसके लिए पूरे शहर को काम करना पड़ता है, उन्होंने तमिल कहावत – ऊर कूडी इझुक्कुम थार को साझा किया।

आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटी ने कहा, “आईइनवेंटिव 2025 के माध्यम से, हम अब एक ऐसा मंच ला रहे हैं, जिसमें उद्योग के नेता प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर विचार कर सकते हैं, निवेशक वित्तपोषण के लिए रास्ते तलाश सकते हैं और भविष्य में सहयोग को बढ़ावा दे सकते हैं।”

उन्होंने कहा कि इस तरह का दृष्टिकोण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने, विकसित भारत 2047 का मार्ग प्रशस्त करता है। आईइनवेंटिव 2025 ‘विकसित भारत-2047’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक प्रमुख पहल है, जो भारत के प्रमुख शोध और शैक्षणिक संस्थानों से उद्योग-तैयार, अभूतपूर्व शोध को प्रदर्शित करता है। इनवेंटिव 2025 का उद्देश्य प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, लाइसेंसिंग और उद्योग-अकादमिक सहयोग के अन्य माध्यमों के माध्यम से प्रयोगशाला अनुसंधान के व्यावसायीकरण को वास्तविक दुनिया के उत्पादों और अनुप्रयोगों में बदलना है।

इस कार्यक्रम में कई समझौता ज्ञापन और औद्योगिक सहयोगी उपक्रम भी लॉन्च किए गए। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित भारत के सबसे बड़े अनुसंधान एवं विकास मेले में आईआईटी, एनआईटी, आईआईएससी, आईआईएसईआर और एनआईआरएफ रैंक वाले शीर्ष 50 प्रमुख संस्थानों के अभूतपूर्व नवाचारों को प्रदर्शित किया गया।

आईइन्वेनटिव भारत भर के शीर्ष अनुसंधान समूहों और उद्योग को एक साथ लाता है।

आईआईटी मद्रास की विज्ञान पत्रिका शास्त्र द्वारा क्यूरेट की गई भारतीय प्रमुख संस्थानों के प्रमुख तकनीकी नवाचारों पर एक कॉफी टेबल बुक और आरएंडडी स्टॉल की एक सूची भी जारी की गई।

इस अवसर पर भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रमुख तकनीकी नवाचारों पर ‘प्रभाव – विचारों से प्रभाव तक’ शीर्षक वाली कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया गया, जिसने उद्योग पर बहुत प्रभाव डाला है।

आईआईटी मद्रास की विज्ञान पत्रिका शास्त्र और प्रदर्शनी सूची का भी विमोचन किया गया और इस अवसर पर युवामंथन हैकाथॉन विजेताओं और अग्रणी उद्योग सहयोगियों को सम्मानित किया गया।

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