
नयी दिल्ली 25 फरवरी (वार्ता) भारत-जापान संयुक्त सैन्य अभ्यास, धर्म गार्जियन का छठा संस्करण सोमवार को जापान के ईस्ट फ़ूजी प्रशिक्षण क्षेत्र में शुरू हुआ।
इस अभ्यास को एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है क्योंकि इसे पहले से कहीं अधिक बड़े पैमाने पर आयोजित किया जा रहा है और इसमें पहली बार सैनिकों की भागीदारी को कंपनी के स्तर तक बढ़ाया गया है।
उद्घाटन समारोह में जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज और जापान ग्राउंड सेल्फ-डिफेंस फोर्स प्रथम डिवीजन के कमांडिंग जनरल लेफ्टिनेंट जनरल टोरियमी सेजी सहित प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह अभ्यास दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच अधिक सहयोग और आपसी समझ को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि यह संयुक्त अभ्यास न केवल दोनों सेनाओं की परिचालन तत्परता को बढ़ाएगा बल्कि भारत-जापान रक्षा संबंधों को मजबूत करने में भी योगदान देगा। अभ्यास का यह संस्करण 9 मार्च तक चलेगा।
संयुक्त अभ्यास में विशेष रूप से शहरी इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियान शामिल होंगे, जो समकालीन सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए परिचालन फोकस का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। सैनिक संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों की गतिविधियों का भी अभ्यास करेंगे, जिसमें वास्तविक दुनिया की स्थितियों का अनुकरण किया जाएगा, जहां बहुराष्ट्रीय बलों को जटिल वातावरण में प्रभावी ढंग से सहयोग करना चाहिए। इस सहयोग का उद्देश्य दोनों बलों की संचालन के दौरान तेजी से और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने की क्षमता में सुधार करना है।
जैसे-जैसे अभ्यास आगे बढ़ेगा, भाग लेने वाली सेनाएँ सामरिक अभ्यासों की एक श्रृंखला में शामिल होंगी, ज्ञान और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान करेंगी, साथ ही दोस्ती और विश्वास के स्थायी संबंधों का निर्माण करेंगी। अभ्यास के समापन पर दोनों सेनाएँ क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के लिए अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत करेंगी।