तिरुवनंतपुरम, 26 अप्रैल (वार्ता) लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में केरल की सभी 20 सीटों पर शुक्रवार सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया और शाम सात बजे तक चलेगा।
मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि राज्य मेें शांतिपूर्ण और पारदर्शी एवं स्वतंत्र रूप से मतदान कराने के लिए पूरी तैयारी की हुई है। किसी भी अप्रिय घटना को होने से रोकने के लिए सुरक्षा के चाक-चौबंध व्यवस्था की गई है। राज्य में 1,43,33,499 महिलाओं सहित 2,77,49,159 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर 194 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। जिनमें 25 महिला प्रत्याशी भी अपनी किस्मत आजमा रही हैं।
केरल में 13,272 स्थानों पर स्थापित 25,231 मतदान केंद्रों पर सुबह से ही कई मतदान केंद्रों पर सुबह से ही मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं।
केरल में वायनाड, पथानामथिट्टा, तिरुवनंतपुरम, अलाप्पुझा, अटिंगल और त्रिशूर निर्वाचन क्षेत्रों में हाई-प्रोफाइल मुकाबले देखने को मिल रहे हैं। वायनाड में जहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के एनी राजा और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं तिरुवनंतपुरम में कांग्रेस नेता डॉ. शशि थरूर का मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार एवं केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर से हो रहा है। पथानामथिट्टा में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी, माकपा नेता एवं केरल के पूर्व वित्त मंत्री डॉ थॉमस इसाक और मौजूदा कांग्रेस सांसद एंटो एंटनी के खिलाफ लड़ रहे हैं।
पूर्व राज्यसभा सदस्य एवं अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी त्रिशूर से कांग्रेस नेता के मुरलीधरन और राज्य के पूर्व कृषि मंत्री वीएस सुनील कुमार के खिलाफ भाकपा की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल अलाप्पुझा में भाजपा नेता शोभा सुरेंद्रन के खिलाफ लड़ रहे हैं। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन अट्टिंगल से कांग्रेस सांसद अदूर प्रकाश और माकपा के वीपी जॉय के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
प्रत्येक बूथ पर पीठासीन अधिकारी सहित चार अधिकारी कार्यरत हैं। राज्य में 437 बूथों का प्रबंधन पूरी तरह से महिलाओं द्वारा, 31 बूथों का प्रबंधन 30 वर्ष से कम उम्र के युवा व्यक्तियों द्वारा और छह बूथों का प्रबंधन दिव्यांग कर्मचारियों द्वारा किया जायेगा। इसके अतिरिक्त, 316 जातीय मतदान केंद्र और 131 थीम-आधारित बूथ हैं।
दिव्यांग मतदाताओं के लिए बूथों पर रैंप और व्हीलचेयर की व्यवस्था की गई है। दृष्टिबाधित मतदाताओं के लिए ब्रेल लिपि वाली वोटिंग मशीनें उपलब्ध हैं। दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए विशेष कतार सुविधाएं उपलब्ध हैं, साथ ही दिव्यांग मतदाताओं के लिए सांकेतिक भाषा सुविधाएं और परिवहन भी उपलब्ध हैं।
इस लोकसभा चुनाव में राज्य में 30,238 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यदि कोई मशीन खराब होती है तो संबंधित सेक्टर अधिकारियों के माध्यम से रिजर्व मशीनें भेजी जाएंगी। मशीनों का पूरी तरह से परीक्षण किया गया है, तीन चरणों में यादृच्छिक किया गया है और उनकी विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए मॉक-पोल किया गया है। मतदान शुरू होने से पहले कल सुबह छह बजे राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में फिर से मॉक पोलिंग आयोजित की जाएगी।
मतदान केंद्रों, वितरण केंद्रों और स्ट्रांग रूम पर सुरक्षा सुनिश्चित करने और सुचारू मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए लगभग 66,303 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।
चुनाव के दिन कानून और व्यवस्था के मुद्दों के कारण किसी भी व्यवधान को रोकने के लिए सभी पुलिस थानों पर त्वरित कार्रवाई बल भी तैनात हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि मतदाता बिना किसी डर के मतदान कर सकें, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विशेष सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए आठ जिलों के सभी बूथों और छह अन्य जिलों के 75 प्रतिशत बूथों पर वास्तविक समय की निगरानी के लिए वेबकास्टिंग सिस्टम स्थापित किए गए हैं। भीड़ को नियंत्रित करने और बूथ कब्जाने, पैसे के वितरण और फर्जी मतदान को रोकने के लिए बूथों के बाहर कैमरे भी लगाए गए हैं।
केरल में 2019 के लोकसभा चुनाव में 77.67 प्रतिशत और 2021 के विधानसभा चुनाव में 74.06 प्रतिशत मतदान हुआ था। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने 2019 में 20 लोकसभा सीटों में से 19 सीटें जीतीं। माकपा के नेतृत्व वाले एलडीएफ को सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा। भारतीय जनता पार्टी के नेतृतव वाले राजग के खाते में कोई सीट नहीं आई थी। भाजपा को 13 प्रतिशत वोट शेयर के साथ संतुष्ट रहना पड़ा था।