क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमला बना है अनजान, बदबू और बीमारियों से परेशान, जिले के जिम्मेदार अधिकारी मौन
नवभारत न्यूज
सिंगरौली 19 फरवरी। जिले में बायोमेडिकल बेस्ट का निस्तारण स्थानीय लोगों के लिए गंभीर समस्या बनती जा रही है और आरोप है कि क्षेत्रीय प्रदूषण अमला संबंधित नर्सिंग होम एवं क्लीनिकों के संचालको पर नकेल कसने में अब तक विफल रहा है।
बैढ़न शहर के कई कथित नर्सिंग होम, क्लीनिकों और पैथोलॉजी लैबों से निकलने वाला खतरनाक जैविक कचरा खुले में फेंका जा रहा है। जिससे पूरे इलाके में बदबू फैल रही है और संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि लोग अपने घरों से निकलने में भी घबराने लगे हैं। लेकिन प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाने को तैयार नही दिख रहा। जिला मुख्यालय के राजमाता चून कुमारी स्टेडियम के ईर्द-गिर्द बायोमेडिकल वेस्ट का एक बड़ा ढेर देखा गया। जहां खून से सने पट्टियां, इस्तेमाल किए गए इंजेक्शन, दवाओं के खाली पैकेट और अन्य खतरनाक मेडिकल कचरा खुले में पड़ा था। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के कचरे का सही ढंग से निस्तारण न किया जाए तो यह न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। बल्कि गंभीर बीमारियों को भी जन्म देता है। वही लोगों का कहना है कि यह समस्या कोई नई नही है। बल्कि लंबे समय से जारी है। ननि ने कई बार इस मुद्दे को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने की कोशिश की। लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नही हुई।
प्रदूषण नियंत्रण अमला अनजान
जिला मुख्यालय बैढ़न समेत नगर से लेकर कस्बों में जगह-जगह बायोमेडिकल बेस्ट कचरे की तरह फेका जा रहा है। कई कथित क्लीनिक व नर्सिंग होम तथा पैथोलॉजी सेन्टरो के कर्ताधर्ताओं सही तरीके से बायोमेडिकल बेस्ट का निस्तारण नही किया जा रहा है और बताया जा रहा है कि इससे न केवल पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है बल्कि आवारा पशु और स्थानीय नागरिक भी गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। जहां प्रबुद्ध जनों ने कहा कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नही निकाला गया तो संगठन के लोग आंदोलन करने को मजबूर होंगे। यहा आरोप यह भी लग रहा है कि इस मामले में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अमला बसुध हैऔर जिम्मेदार अधिकारी एसी से निकलने में परहेज करते हैं।