हरदा की घटना पर संज्ञान लिया है – प्रहलाद

भोपाल,  मध्यप्रदेश के श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने आज कहा कि हरदा जिले में लगभग एक माह पहले पटाखा फैक्ट्री में भीषण आग की घटना का उन्होंने स्वयं संज्ञान लिया है और इस संबंध में प्राप्त जांच रिपोर्ट से वे स्वयं संतुष्ट नहीं हैं।
श्री पटेल ने यहां पत्रकार वार्ता में कहा कि उनके मंत्री बनने के बाद हरदा की घटना हुयी थी। उन्होंने इसका संज्ञान लिया। जांच रिपोर्ट देखी, तो वे स्वयं भौंचक रह गए। उन्होंने बताया कि जब उसी स्थान पर वर्ष 2015 में इसी तरह की घटना हुयी थी, तो उसके बाद श्रमिकों की संख्या का “एनरोलमेंट” क्यों नहीं हुआ। यदि श्रमिकों की सूची नहीं है, तो हम श्रमिकों के साथ न्याय किस आधार पर कर सकेंगे। हमें अपने “मैकेनिज्म” पर विचार करना होगा। श्रम मंत्री ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने विभागीय अधिकारियों से सवाल किए हैं और जांच रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया है।
मंत्री ने कहा कि हरदा में वर्ष 2015 की घटना के बाद मामला कोर्ट में पहुंचा था, लेकिन संबंधित अधिकारी कोर्ट में गवाही देने नहीं गया, इसलिए संबंधितों को सजा नहीं मिल सकी।। श्री पटेल ने कहा कि इस मामले में संबंधित अधिकारी को निलंबित किया गया है। अब समय सीमा में चार्जशीट देकर विधिवत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को सेवा का अवसर नहीं दिया जा सकता है।
राज्य में गरीबों के कल्याण के लिए बनी संबल योजना से जुड़े भोपाल नगर निगम के कथित घोटाले के मामले में श्री पटेल ने कहा कि यह मामला भी उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने कहा कि उनका विभाग नगर निगम से संबंधित नहीं है, लेकिन इसके हितग्राहियों को धनराशि श्रम विभाग के जरिए दी जाती है, इसलिए उन्होंने इसमें कार्रवाई के लिए कहा है। इस प्रकरण में जीवित लोगों को संबल योजना का लाभ दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि शायद नगर निगम के छह अधिकारियों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। श्री पटेल के अनुसार उन्होंने श्रम विभाग के अधिकारियों से कहा है कि वे संबंधित दोषी अधिकारियों से धनराशि वसूली के संबंध में पत्र नगर निगम भोपाल को लिखे। वैसे भी पंचनामा के बगैर भुगतान कैसे हो गया, यह भी सोचना होगा।
श्री पटेल ने कहा कि राज्य में वर्ष 2014 के बाद से संगठित और असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों का “वेज रिवीजन” नहीं हुआ है। यह प्रत्येक पांच वर्ष में होना चाहिए। मंत्री ने कहा कि उनके विभाग ने औद्योगिक और असंगठित क्षेत्रों में 25 प्रतिशत मजदूरी बढ़ाने का निर्णय लिया है। गरीबों और श्रमिकों की चिंता करना विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग में रिक्त पदों पर पूर्ति के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
हरदा जिला मुख्यालय पर एक माह से अधिक समय पहले एक पटाखा फैक्ट्री और उसके गोदामों में भीषण आग और विस्फोट के कारण कम से कम 12 लोगों की मृत्यु हो गयी थी और एक सौ से अधिक व्यक्ति घायल हुए हैं। राज्य की डॉ मोहन यादव सरकार ने इस मामले की जांच के निर्देश दिए थे।

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