नयी दिल्ली, 14 अगस्त (वार्ता) देश में थोक मुद्रास्फीति जुलाई में घटकर 2.04 प्रतिशत रही जो पिछले माह 3.36 प्रतिशत थी। इस गिरावट में तुलनात्मक आधार का प्रभाव झलकता है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को यह आंकडे जारी किये हैं।
मंत्रालय की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, “जुलाई, 2024 में खाद्यों, विनिर्मित खाद्य उत्पादों, खनिज तेल, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा अन्य विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों का थोक भावों में सालाना आधार पर वृद्धि के कारण थोक मुद्रास्फीति शून्य से ऊपर बनी हुई है।”
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल जुलाई महीने में प्राथमिक वस्तुओं के लिए थोक मुद्रास्फीति दर पिछले महीने के 8.80 प्रतिशत की तुलना में घट कर 3.08 प्रतिशत पर आ गयी। इसी तरह जुलाई में ईंधन और बिजली वर्ग के लिए थोक मुद्रास्फीति पिछले महीने के 1.03 प्रतिशत से बढ़कर 1.72 प्रतिशत पर पहुंच गयी।
जुलाई में विनिर्मित उत्पादों के लिए थोक मुद्रास्फीति दर 1.58 प्रतिशत रही, जबकि जून में यह 1.43 प्रतिशत दर्ज की गयी थी।
सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार खाद्य वस्तुओं की कम कीमतों के ऊंचा होने के कारण, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति जुलाई में घटकर 3.54 प्रतिशत रही जबकि जून में यह 5.08 प्रतिशत थी।
थोक मुद्रास्फीति के जुलाई के आंकड़ों पर रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, “थोक मुद्रास्फीति निकट भविष्य में शांत बनी रह सकती है। उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मानसून में तेजी और खरीफ की बुवाई में अच्छी प्रगति के बीच, अगस्त 2024 में अब तक अधिकांश खाद्य पदार्थों की कीमतों में क्रमिक आधार पर गिरावट आई है। इससे चालू महीने में प्राथमिक खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति के लिए तुलनात्मक आधार के अनुकूल प्रभाव के कारण थोक मुद्रास्फीति की वृद्धि को नीचे रखने में मदद मिलने की संभावना है।”